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पिता की हत्या कर नाबालिग बेटों ने नदी में फेंका शव, वारदात में जीजा भी शामिल

- नाबालिगों को नरसिंहपुर बाल सुधार गृह
- दामाद को अमरवाड़ा जेल भेजा
- पानी में डूबने से नहीं
- चोट लगने की वजह से हुई थी मौत
- संदेह के आधार पर नाबालिग बेटों को थाने लाई थी पुलिस
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/सिंगोड़ी। सिंगोड़ी की गुन्नौर नदी में 31 अक्टूबर को सिवनी के 40 वर्षीय सेवकराम पिता रामकृष्ण यादव का शव मिला था। पीएम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सेवकराम की मौत पानी में डूबने से नहीं, बल्कि शरीर पर लगी चोटों की वजह से हुई है। इस मामले की जांच के दौरान संदेह के आधार पर मृतक के नाबालिग बेटों और दामाद को पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने लाई। पूछताछ में बेटों ने जीजा के साथ मिलकर पिता की हत्या करना कबूल लिया। पुलिस ने दोनों नाबालिगों और दामाद के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। नाबालिगों को नरसिंहपुर बाल सुधार गृह और दामाद को अमरवाड़ा जेल भेज दिया है।
टीआई गोपाल सिंह जगेत ने बताया कि चौरई के बगदरी निवासी सेवकराम पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरा विवाह कर सिवनी में रह रहा था। पहली पत्नी के दो बेटे और एक बेटी चौरई के ग्राम बगदरी स्थित पुस्तैनी मकान में रहते थे। घटना वाली रात सेवकराम ग्राम बगदरी आया था। सेवकराम का दो नाबालिग बेटों और दामाद गुरुदयाल पिता रामनारायण निवासी बांका मुकासा से विवाद हो गया। विवाद में तीनों ने मिलकर उस पर लाठियों से हमला कर दिया। गंभीर रुप से घायल सेवकराम की हालत बिगड़ने लगी तो वे बाइक पर उसे अस्पताल ले जा रहे थे। रास्ते में सेवकराम ने दम तोड़ दिया।
आरोपियों ने छुपाने की मंशा से पिता का शव गुन्नौर नदी में फेंक दिया। पुलिस ने दामाद और नाबालिग बेटों के खिलाफ धारा 302, 201, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। नाबालिगों को नरसिंहपुर बाल सुधार गृह और दामाद को अमरवाड़ा जेल भेज दिया है। अंधे हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम में टीआई गोपाल सिंह जगेत, एएसआई एसएस बघेल, आरक्षक राधेश्याम ठाकुर, हरिओम ठाकुर, आनंद तिवारी तथा साइबर सेल प्रभारी सत्येंद्र सिंह बघेल व आरक्षक आदित्य रघुवंशी शामिल थे।
Created On :   8 Nov 2018 1:26 PM IST