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मीरा-भायंदर महानगरपालिका चुनाव : उत्तरभारतीयों को लेकर BJP-SS में जंग

विजय सिंह ‘कौशिक’, मुंबई। मुंबई से सटे मीरा-भायदंर महानगरपलिका चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन इस पर कब्जा जमाने के लिए दोनों सत्ताधारी दल बीजेपी-शिवसेना मैदान में उतर गए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस-राकांपा इस जंग में काफी पीछे दिखाई दे रही हैं।
बीजेपी के सामने यहां अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है। रविवार को बीजेपी-शिवसेना की तरफ से यहां रैली निकाली गई, जबकि सोमवार को सीएम देवेंद्र फड़णवीस यहां जल परियोजना की आधारशिला रखने पहुंचे थे। यहां हार-जीत तय करने में उत्तर भारतीय मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी दल उत्तर भारतीयों को अपने पाले में करने में जुट गए हैं।
जानकारी के अनुसार 95 सदस्यों वाले मीरा-भायंदर मनपा चुनाव में शिवसेना ने 25 उत्तर भारतीयों को टिकट देने का एेलान किया है। वर्ष 2012 में यहां हुए मनपा चुनाव में बीजेपी ने सर्वाधिक 29 सीटें जीती थी, जबकि राकांपा ने 27, शिवसेना ने 14, कांग्रेस ने 19 और बहुजन विकास आघाड़ी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब यहां की राजनीतिक स्थिति काफी बदल गई है। मीरा-भायंदर इलाके में राकांपा के क्षेत्रीय क्षत्रप पूर्व विधायक गिलवर्ट मेंडोसा हाल ही में शिवसेना में शामिल हो गए। मेंडोसा के राकांपा छोड़ने के बाद पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इससे अब यहां राकांपा का एक तरह से सफाया ही हो गया है।
हिंदीभाषी रहे हैं निर्णायक
करीब 10 लाख की आबादी वाले इस शहर में लगभग आधी आबादी हिंदी भाषियों की है। इसमें उत्तर भारतीय व राजस्थानी शामिल हैं। हालांकि आबादी के लिहाज से यहां उत्तर भारतीयों का प्रतिनिधित्व काफी कम है। मीरा रोड में रहने वाले उत्तर भारत शिवसेना के समन्वयक विनय शुक्ल कहते हैं, ‘बीते लोकसभा व विधानसभा चुनाव में यूपी और बिहार में भी शिवसेना उम्मीदवारों को वोट मिले हैं। यूपी में शिवसेना के टिकट पर 12 लोग जिला परिषद चुनाव जीत कर आए हैं। मीरा-भायंदर मनपा चुनाव में शिवसेना दो दर्जन उत्तरभारतीयों को टिकट देगी।’ शुक्ल कहते हैं कि बीजेपी ने हमेशा उत्तर भारतीयों का केवल इस्तेमाल किया है। इस पार्टी ने कभी उत्तर भारतीयों को सम्मान नहीं दिया।
Created On :   11 July 2017 8:10 PM IST