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मीसाबंदी महिला ने मांगी 15 हजार पेंशन, 10 हजार रुपए अपने और विधवा कोटे से 5 हजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने मीसा बंदियों को पेंशन देने का फैसला किया है। जो जीवित हैं, उन्हें 10 हजार व जिन मीसा बंदियों का देहांत हुआ है, उनकी विधवा को 5 हजार रुपए पेंशन देने का निर्णय हुआ है। नागपुर की एक महिला ने 15 हजार रुपए पेंशन पर दावा किया है। उसका तर्क है कि वह आैर उसका पति दोनों आपातकाल के दौरान मीसा के तहत सेंट्रल जेल में बंद थे।
पूरे राज्य के लिए एक मॉडल बनेगा यह मामला
जिला प्रशासन को पेंशन के लिए हर दिन मीसा बंदियों के आवेदन मिल रहे हैं। मीसा बंदियों के साथ ही उनकी विधवाआें के आवेदन भी मिल रहे हैं। प्रशासन इनके आवेदनों की पुष्टि के लिए सेंट्रल जेल, पुलिस आयुक्तालय व पुलिस अधीक्षक कार्यालय से भी संबंधित रिकार्ड मंगा रही है। जिन मामलों में जीआर में स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है, ऐसे मामलों में सरकार की राय व मार्गदर्शन भी मांगा जा रहा है। एक महिला ने 15 हजार की पेंशन पर यह कहकर दावा किया कि उसके पति के साथ वह भी जेल में बंद थी।
पति अभी जीवित नहीं है। उनकी 5 हजार पेंशन नियमानुसार पत्नी को मिलनी चाहिए। जिला प्रशासन ने महिला के दावे को सरकार के पास भेज दिया है। सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है, यह देखना होगा। सरकार इस पर जो भी निर्णय ले, लेकिन यह पूरे राज्य के लिए एक मॉडल बनेगा, क्योंकि आपातकाल के दौरान पति-पत्नी दोनों जेल में बंद होने के मामले अन्य जिलों में भी हो सकते है। हालांकि ऐसे मामले गिनती के ही होंगे।
कई बिंदुआें पर सरकारी राय मांगी गई है
रवींद्र खजांजी, निवासी उपजिलाधीश के मुताबिक जिन-जिन मुद्दों पर जीआर में स्पष्टता नहीं है, उन-उन बिंदुआें व मुद्दों पर सरकार से राय व मार्गदर्शन मांगा गया है। कई मुद्दों पर राय मांगने से किसी एक विषय पर बोला नहीं जा सकता। मीसाबंदियों के 150 मामले सरकार को भेजे गए हैं। सरकार जो दिशा-निर्देश जारी करेगी, उस पर अमल किया जाएगा।
Created On :   30 Aug 2018 9:56 PM IST