MLC चुनाव : विदर्भ में भी इच्छुकों की कमी नहीं, सब कुछ तय करेगा हाईकमान

MLC Election: There is no shortage of willing in Vidarbha, the high command will decide everything
  MLC चुनाव : विदर्भ में भी इच्छुकों की कमी नहीं, सब कुछ तय करेगा हाईकमान
  MLC चुनाव : विदर्भ में भी इच्छुकों की कमी नहीं, सब कुछ तय करेगा हाईकमान

डिजिटल डेस्क,  नागपुर । राज्य में विधानपरिषद की 9 सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना सोमवार को जारी होगी। 11 मई तक उम्मीदवार के नामांकन दर्ज किए जाएंगे। साफ संकेत मिल रहे हैं कि इस बार का चुनाव सभी दलों की सहमति से होगा। निर्विरोध चुनाव का प्रयास है। लिहाजा इस चुनाव को लेकर अधिक हलचल रहने की संभावना भी कम है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार चुनाव की हलचल भले ही न रहे लेकिन उम्मीदवार बनने के इच्छुकों की संख्या कम नहीं है। जिन  9 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हुआ है उनमें यवतमाल से कांग्रेस के हरिसिंह राठौड व अकोला से भाजपा के अरुण अडसड शामिल है। इन दो सीटों के लिए पहले से ही भाजपा के कुछ नेताओं की दृष्टि लगी हुई। फिलहाल जोर देकर कहा जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहिर , राज्य के पूर्व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले में से किसी एक पर भाजपा की मेहरबानी हो सकती है। उधर कांग्रेस में चारुलता टोकस, आशीष देशमुख जैसे नाम चर्चा में रहे हैं। इस चुनाव में विदर्भ से शिवसेना या राकांपा के किसी नेता का नाम सामने नहीं आ रहा है।

29 विधायकों का कोटा
इस चुनाव में विधानसभा सदस्य मतदान करेंगे। राज्य में 288 विधानसभा सदस्य हैं। माना जा रहा है कि 29 विधायकों के मतदान से एक विधानपरिषद सदस्य तय होगा। भाजपा के 105 सदस्य हैं। अन्य सहयोगियों के साथ वह 115 से 120 संख्या बल होने का दावा कर सकती है। ऐसे में भाजपा 9 में से 4 सीटें पा सकती है। शिवसेना में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व विधानपरिषद उपाध्यक्ष नीलम गोर्हे का उम्मीदवार बनना तय है। शेष 3 सीटों में से कांग्रेस 1 व राकांपा 2 सीटों पर लड़ सकती है। भाजपा 4 के बजाय 3 सीट पर लड़ें तो कांग्रेस को एक और सीट मिल सकती है। गौरतलब है कि विधानपरिषद में 78 सदस्य हैं। इनमें भाजपा का बहुमत रहा है। लेकिन भाजपा से शिवसेना का गठबंधन टूटने के बाद महाविकास आघाड़ी का संख्याबल बढ़ा है।

2 वर्ष ही रहे अडसड
विधानपरिषद सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष् का रहता है। लेकिन अकोला से भाजपा के अरुण अडसड को दो वर्ष में ही रिटायर होना पड़ रहा है। दरअसल भाजपा के पांडूरंग फुंडकर की कृषिमंत्री पद पर रहते हुए मृत्यु हुई थी। फुंडकर  विधानपरिषद सदस्य थे। फुंडकर के निधन से रिक्त हुई सीट पर 2018 में उपचुनाव में अडसड निर्विरोध जीते थे।

ये हुए रिटायर
नीलम गोर्हे, हेमंत टकले, आनंद ठाकुर, स्मिता वाघ, पृथ्वीराज देशमुख, किरण पावसकर, अरुण अडसड, चंद्रकांत रघुवंशी, हरिसिंह राठोड।

Created On :   2 May 2020 5:13 PM IST

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