उत्तर भारतीयों की विरोधी नहीं है मनसे, नांदगावकर ने कहा- मीडिया ने बनाई गलत छवि 

MNS is not anti-north Indians, Nandgaonkar said- wrong image made by media
उत्तर भारतीयों की विरोधी नहीं है मनसे, नांदगावकर ने कहा- मीडिया ने बनाई गलत छवि 
उत्तर भारतीयों की विरोधी नहीं है मनसे, नांदगावकर ने कहा- मीडिया ने बनाई गलत छवि 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। "अच्छे और सच्चे रिश्ते न खरीदें जा सकते हैं ना उधार लिए जा सकते हैं" ये विचार मनसे नेता व राज्य पूर्व गृह राज्य मंत्री बाला नांदगांवकर ने व्यंग्यकार, पत्रकार व मनसे उपाध्यक्ष डॉ. वागीश सारस्वत पर लिखी गई पुस्तक के लोकार्पण समारोह में कही। उन्होंने कहा कि हमारा उत्तर भारतीयों से न तो कोई विवाद है और न ही कोई विरोध है, लेकिन मीडिया के मित्रों ने ऐसा चित्र बना दिया है कि मनसे का नाम सुनते ही लोग उत्तरभारतीय विरोधी की छवि देखने लगते हैं।

मनसे नेता ने कहा कि जब हम दूसरों को महत्व देंगे तभी वे भी हमें महत्व देंगे। जो पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, वे यहीं के हैं लेकिन जो पीढ़ियों से रह रहे हैं उनकी सुविधाओं में कमी ना हो, बस हम यही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वागीश सारस्वत और मैं एकदूसरे के संघर्ष काल से अब तक की जीवन यात्रा के साक्षी रहे हैं हैं। मैं वागीश के बहुमुखी व्यक्तित्व के इतने पहलुओं से परिचित नहीं था जितना उनके बारे में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे जानते हैं।

मनसे नेता पर हिंदी में लिखी किताब "वागिशोदय’ का लोकापर्ण

साहित्यिक संस्था "श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमी" एवं "यश पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रा. लि." (दिल्ली) के संयुक्त तत्वावधान में सांताक्रुज पूर्व, मुम्बई के नजमा हेपतुल्ला हाल में आयोजित इस समारोह में बाला नांदगांवकर ने वागीश सारस्वत पर  केंद्रित, प्रिया उपाध्याय द्वारा संपादित विशेष रूप से प्रकाशित पुस्तक "वागिशोदय’ का  लोकार्पण किया। डॉ वागीश सारस्वत ने कहा कि मुंबई ने मुझे संघर्ष के दिनों से लेकर आज तक बहुत दिया है। मैं मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे  जी का आभारी हूं जिन्होंने  संकट के समय मुझे समय-समय पर बहुत आत्मीयता से साथ दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता से राजनीति में लाकर मेरा जीवन बदल दिया।

महानगर मुंबई में साथियों ने बहुत प्यार और स्नेह दिया जिसे भुलाना मुश्किल है। वरिष्ठ पत्रकार और कला समीक्षक मनमोहन  सरल ने कहा कि वागीश में कला ,साहित्य, संस्कृति ,पत्रकारिता के सभी रंगों का मेल है और वे सब में दक्ष है। वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र कोठेकर, गुजराती के पत्रकार आशु पटेल ने वागीश के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि वे जीवट और जिंदादिल इंसान हैं। डॉ अनंत श्रीमाली ने किया । इस मौके पर  वागीश सारस्वत की कविताओं का पाठ अभिनेत्री कवयित्री रेखा बब्बल, मंजुल भारद्वाज, विनिता टंडन यादव, ज्योति त्रिपाठी ,रवि यादव आदि ने किया।

Created On :   26 Nov 2018 7:17 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story