सस्ते सेनेटरी नैपकिन के लिए लॉन्च हुआ मोबाइल एप, आप भी बन सकते हैं प्रायोजक

Mobile App Launch to provide Cheap Sanitary Napkin in Maharashtra
सस्ते सेनेटरी नैपकिन के लिए लॉन्च हुआ मोबाइल एप, आप भी बन सकते हैं प्रायोजक
सस्ते सेनेटरी नैपकिन के लिए लॉन्च हुआ मोबाइल एप, आप भी बन सकते हैं प्रायोजक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ग्रामीण इलाकों की किशोरियों को सिर्फ पांच रूपए में आठ सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने की योजना ‘उमेद’ के लिए गुरूवार को प्रतीक चिन्ह (लोगो), मोबाइल एप और डिजिटल अस्मिता कार्ड का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे की मौजूदगी में मंत्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम में यह अनावरण किया गया। महिला दिवस यानी आठ मार्च से इस योजना की शुरूआत की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री व पंकजा मुंडे भी प्रायोजक बने।

ऑनलाइन भुगतान कर कोई भी बन सकता है प्रायोजक 

अस्मिता फंड का शुभारंभ करते हुए https://mahaasmita.mahaonline.gov.in वेब पोर्टल की भी शुरूआत की गई। इस पोर्टल के जरिए ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और किशोरियों को सैनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने के लिए कोई भी शख्स प्रायोजक बन सकता है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के लिए लोगों का बड़ा सहयोग मिलेगा। इसकी शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 50 लड़कियों को 12 महीने सैनेटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए अस्मिता स्पांसरशिप स्वीकारी। वहीं पंकजा मुंडे ने 151 लड़कियों को साल भर सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उठाई और ऑनलाइन भुगतान किया।

सात लाख किशोरियों को अस्मिता कार्ड

पहले चरण में सरकार सात लाख किशोरियों को अस्मिता कार्ड देगी। योजना के तहत जिला परिषद स्कूलों में पढ़ने वाली 11 से 19 साल तक की लड़कियों को 240 मिलीमीटर के आठ पैड का पैकेट पांच रुपए में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लड़कियों को आपले सरकार सेवा केंद्र के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बचत समूहों के जरिए लड़कियां एक साल में 13 पैकेट पैड खरीद सकेंगी। सरकार प्रति पैड 15 रूपए 20 पैसे अनुदान देगी। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को 240 मिलीमीटर के आठ पैड 24 रुपए और 280 मिलीमीटर के आठ पैड 29 रुपए में उपलब्ध कराए जाएंगे।

सिर्फ 17 फीसदी ग्रामीण महिलाएं करती हैं इस्तेमाल 

इस दौरान पंकजा मुंडे ने कहा कि ग्रामीण इलाकों की सिर्फ 17 फीसदी महिलाएं मासिकधर्म के दौरान सेनेटरी नैपकीन का इस्तेमाल करतीं हैं। इसे न इस्तेमाल करने के चलते महिलाओं को कई बीमारियां हो जातीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि योजना प्रभावी तरीके से लागू की जाए।

Created On :   22 Feb 2018 10:03 PM IST

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