मां ने मोबाइल गेम खेलने से मना किया तो बच्चा फांसी पर झूला

Mobile game addiction seems to be fatal, student committed suicide
मां ने मोबाइल गेम खेलने से मना किया तो बच्चा फांसी पर झूला
मां ने मोबाइल गेम खेलने से मना किया तो बच्चा फांसी पर झूला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मोबाइल गेम की लत घातक साबित होने लगी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक किशोर ने स्कूल ही नहीं छोड़ा, अपनी जान भी दे दी। कोतवाली थानांतर्गत घटित इस वाकये से हड़कंप मचा रहा। इस बीच प्रकरण को आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया गया है। क्रिश सुनील लुनावत (14) महल क्षेत्र में अपनी मां और बहन आयशा के साथ किराए से रहता था। उसके पिता सुनील लुनावत अलग रहते हैं, जबकि क्रिश का बड़ा भाई पुणे में रहता है। आयशा ने विधि विभाग की शिक्षा हासिल की है। वर्तमान में आयशा और उसकी मां निजी क्षेत्र में कार्यरत है। क्रिश को मोबाइल और वीडियो गेम खेलना बहुत पसंद था, इस कारण वह स्कूल ही नहीं गया। मां और बहन की फटकार मिलने के बाद वह कभी कभार ही स्कूल जाता था।

दरअसल घर में रहते हुए क्रिश मोबाइल पर गेम ही खेलता रहता था। जब काम के संबंध में मां और बहन बाहर जाती थीं उसके बाद क्रिश टीवी पर वीडियो गेम खेलता था। हालांकि इसके लिए क्रिश को कई बार मां और बहन की फटकार भी पड़ी।   क्रिश की मां किसी काम के संबंध में मुंबई गई थी, इसके पूर्व जब मां घर में थी तब सुबह से दोपहर तक क्रिश मां के मोबाइल पर गेम खेलते रहा। घर से रवाना होने के पूर्व क्रिश की मां ने उसके हाथ से मोबाइल छीन लिया। आखिरकार तैश में आकर क्रिश ने बेडशीट सीलिंग फैन में बांधकर फांसी लगा ली। इससे उसकी मौत हो गई। रात करीब आठ से नौ बजे के दरमियान जब आयशा घर आई तो भीतर से दरवाजा बंद था। उसने दरवाजा खोलने के लिए क्रिश को बहुत आवाज लगाई, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला। लिहाजा कुछ पड़ोसियों की मदद से आयशा बालकनी में गई। वहां से भीतर का दृश्य देखकर उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई।  क्रिश फांसी पर लटका हुआ था। इसके तत्काल बाद मामले की पुलिस को सूचना दी गई। क्रिश को अस्पताल ले जाया गया। जहां पर इलाज के पूर्व ही चिकित्सकों ने क्रिश को मृत घोषित कर दिया। 

छह महीने से पड़ोसियों ने भी नहीं देखा
कुछ पड़ोसियों ने बताया, कि उन्होंने करीब छह महीने से क्रिश को नहीं देखा था। यह बात वे क्रिश की मां और पुलिस को भी बता चुके हैं। दरअसल क्रिश घर के बाहर निकलता ही नहीं था। दिन भर वह अकेला ही गेम खेलता था।

ब्रेन और केमिकल की कमी  
क्रिश के परिवार में आए बिखराव से भी उसके मस्तिष्क पर फर्क आया होगा। स्कूल नहीं जाने और घर से बाहर नहीं निकलने के कारण उसका सामाजिक तौर पर भी संपर्क टूट गया। इससे ब्रेन और केमिकल में भी फर्क पड़ सकता है। -  अनुपमा गडकरी, मनोवैज्ञानिक  

Created On :   14 Nov 2018 10:19 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story