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फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट से मोदी बने PM : नाना पटोले

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। पूर्व सांसद नाना पटोले ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि मोदी न तो ओबीसी हैं और न ही उनकी जाति तेली (घासिया) है। फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट से वे देश के मुखिया बने हैं। इसलिए उन्हें देश के किसानों की चिंता नहीं है। यहां आयोजित ओबीसी समाज के महासम्मेलन में उन्होंने कहा कि, सन् 2001 में मोदी की जाति खुले प्रवर्ग में थी। इसके सारे सबूत मेरे पास हैं। वे किसान नहीं हैं। इसलिए किसानों की समस्याओं की अनदेखी हो रही है। कुणबी समाज संगठन की ओर से आयोजित महासम्मेलन में वे प्रमुख वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
ओबीसी से अगला मुख्यमंत्री: इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य में ओबीसी प्रवर्ग के लोगों की जनसंख्या 52 प्रतिशत से अधिक है। फिर भी प्रदेश में 19 और आदिवासी बहुल गड़चिरोली में ओबीसी को 6 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। अब आरक्षण की मांग करने का समय नहीं है। 52 प्रतिशत जनसंख्यावाले ओबीसी प्रवर्ग से ही अब राज्य का नया मुख्यमंत्री बनेगा। इस आशय का विश्वास पूर्व सांसद नाना पटोले ने दिलाया।
30 हजार से अधिक की रही उपस्थिति: उल्लेखनीय है कि, 30 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति में महासम्मेलन गड़चिरोली के इतिहास का पहला ही आयोजन रहा। भाजपा के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार गड़चिरोली पहुंचे नाना पटोले का आगमन होते ही कुणबी समाज संगठन की ओर से उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर विधायक सुनील केदार, विधायक बालू धानोरकर, प्रा. ज्ञानेश वाकुड़कर, प्रा. दिलीप चौधरी, मेघा रामगुंडे, वैष्णवी डफ, नरेंद्र जिचकार आदि मंचासीन उपस्थित थे।
पटोले ने कहा कि, राज्य के ओबीसी प्रवर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पिछले तीन वर्षों से लंबित है। उच्च शिक्षा अर्जित कर रहे समाज के विद्यार्थियों को अब शिक्षा आधे में छोडऩी पड़ रही है। ऐसे में वेआत्महत्या का मार्ग चुन रहे हैं। इसके लिये केवल केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीति ही जिम्मेदार है। गड़चिरोली जिले में पेसा कानून लागू किया गया है। आदिवासी भी हमारे ही बंधु हैं, लेकिन ओबीसी प्रवर्ग का आरक्षण 19 प्रतिशत से सीधे 6 प्रतिशत कर देने से गड़चिरोली के युवाओं को उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। राज्य सरकार के कुछ असामाजिक तत्वों के कारण प्रदेश में अवैध कार्य धड़ल्ले से हो रहे हैं। इससे आमजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नोटबंदी के बाद जीएसटी और उसके बाद कर्जमाफी देकर सरकार खुद को सफल बता रही है। वास्तव में इन फैसलों की ही वजह से सरकार अपनी लोकप्रियता को खो रही है। इस मौके पर अन्य अतिथियों ने भी मार्गदर्शन किया। प्रस्तावना महेंद्र ब्राम्हणवाड़े ने रखी। संचालन प्रा. आरेकर ने किया। आभार धनपाल मिसार ने माना। सम्मेलन में गड़चिरोली समेत चंद्रपुर, गोंदिया तथा भंडारा जिले के लगभग 30 हजार नागरिक उपस्थित थे।


Created On :   18 Dec 2017 12:19 PM IST