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कपास किसानों की भरपूर मदद करेगी मोदी सरकार : कृषिमंत्री राधामोहन

डिजिटल डेस्क, नागपुर । विजय सिंह ‘कौशिक’। कपास की फसलों पर इल्ली के प्रकोप से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार भरपूर सहयोग करेगी। केंद्रीय कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने राज्य के कृषि महकमे से कपास किसानों को हुए नुकसान के संबंध में प्रस्ताव भेजने को कहा है। राज्य का कृषि विभाग इसी सप्ताह यह प्रस्ताव केंद्र को भेज देगा। बीते रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री सिंह ने नागपुर में मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और राज्य के कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर के साथ बैठक की थी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
केंद्र सरकार करेगी प्रस्ताव पर विचार
बैठक में केंद्रीय कृषिमंत्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तहत प्रस्ताव भेजे जाएं। केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। हम महाराष्ट्र के किसानों को अधिक से अधिक मदद देंगे। राज्य के कृषि विभाग के प्रधान सचिव बिजय कुमार ने बताया कि इसी सप्ताह में हम कपास किसानों की मदद के लिए केंद्र के पास प्रस्ताव भेज देंगे। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार बीज कंपनियों से नुकसान भरपाई के लिए अभी तक 5 लाख 52 हजार किसानों ने फार्म-जी भर कर सहायक कृषि अधिकारी के पास जमा किया है।
कंपनियों को नुकसान की भरपाई करनी होगी
काटन सीड एक्ट के अनुसार बीज की वजह से फसलों को नुकसान होने पर बीज कंपनियों को नुकसान की भरपाई करनी होगी। अधिकारी ने कहा कि यह काम मुश्किल जरूर है, लेकिन हम बीज कंपनियों से नुकसान राशि वसूल करेंगे। अभी तक 5 लाख 60 हजार हेक्टेयर खेती को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है। इस बार पिछले साल की तुलना में कपास की 25 फीसदी अधिक खेती हुई थी। सूत्रों के मुताबिक नुकसान का आंकड़ा 4600 करोड़ तक पहुच सकता है। महाराष्ट्र में करीब 40 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती होती है।
सेंपल की जांच के बाद होगी कार्रवाई
कृषि विभाग के प्रमुख सचिव बिजय कुमार ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि बैठक में प्रभावित किसानों की मदद के साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि भविष्य में कपास उत्पादकों को इस तरह नुकसान न उठाना पड़े, इसके लिए क्या-क्या उपाय योजना करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हमने महिको के बीज के स्टाक को सील करने के साथ ही अजीत, अंकुर, काबेरी, ग्रीनहोल्ड सहित कई कंपनियों के बीज के सेंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। इसमें कोई गड़बड़ी पाई गई तो जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य में नुकसान रोकने यह कदम
केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि भविष्य में कपास उत्पादक किसानों को नुकसान से बचाने के लिए ये कदम उठाए जाएंगे।
• कपास में पाए जाने वाले कीडे जीनिंग प्लांट के बाहर न आ सके, इसके लिए सभी जीनिंग प्लांट में ट्रैप लगाए जाएंगे।
• आंध्रप्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी जनवरी के बाद खेतों में कपास के पौधे न रहे, इसके लिए किसानों को तैयार किया जाएगा।
• महाराष्ट्र के किसान कपास की फसल को खाद-पानी देकर अप्रैल-मई तक कपास के फल तैयार करते रहते हैं, इससे कीड़ों का प्रभाव बढ़ाता है। इसे रोकने के लिए आईसीआर से कहा जाएगा कि महाराष्ट्र के लिए कपास बीज की ऐसी किस्म सुझाए जिससे जनवरी के बाद कपास के पौधे खेतों में न रह सके।
• पिछले साल नान बीटी बीज में बीटी बीज मिलने का मामले पकड़े जाने पर सीड एसोसिएशन ने विरोध किया था। पर अब मिलावट के मामले में कोई सहानुभूति न दिखाने का फैसला लिया गया है।
Created On :   18 Dec 2017 7:46 PM IST