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कलाम को राष्ट्रपति बनाने वाले मोदी मुस्लिम विरोधी नहीः चंद्रकांत पाटील

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दिवगंत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के बयान की विपक्षी दलों ने आलोचना की है। पाटील ने शनिवार को पुणे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब्दुल कलाम को देश का राष्ट्रपति बनाया था। उनकी मुस्लिम विरोधी होने की गलत छवि बनाई गई है। पाटील के बयान की कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना ने आलोचना की है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि कलाम जिस वक्त राष्ट्रपति बने थे ,उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। उन्होंने कहा कि पाटील का यह बयान हास्यास्पद है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि पाटील पर उम्र का असर हो गया है। राकांपा प्रवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि कलाम को सर्वसम्मति से देश का राष्ट्रपति चुना गया था। इसमें नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं था। इसके उलट तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मोदी को राजधर्म की शिक्षा दी थी।शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने भी पाटील के इस बयान की आलोचना की है।
मुस्लिम विरोधी नहीं हैं मोदीः पाटील
पुणे में भाजपा युवा मोर्चा के ‘युवा वारियर्स’ अभियान के शुभारम्भ के मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि भाजपा के मुस्लिम विरोधी होने का आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतों का हम विरोध करते रहेंगे, वह मुस्लिम हो या कोई और ऐसे लोगों से हमारा विरोध जारी रहेगा। भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेकों बार मुस्लिमों का प्राथमिकता दी है। उन्होंने अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाया। मुस्लिम होने के नाते कलाम का विरोध नहीं किया, बल्कि विद्वान होने के नाते उनका सम्मान किया। मोदी ने तीन तलाक खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को शोषण से मुक्त किया है। इसी वजह से बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा का साथ दिया था। वहां मुस्लिम बाहुल्य 29 सीटों में से 14 पर भाजपा को जीत मिली। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी को मुस्लिम विरोधी साबित करने की कोशिश होती है। पर यह सच्चाई नहीं है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।