इस कारण सेंसर बोर्ड ऑफिस के सामने भूख हड़ताल पर बैठे मोहारे

Mohare sitting on hunger strike in front of censor board office
इस कारण सेंसर बोर्ड ऑफिस के सामने भूख हड़ताल पर बैठे मोहारे
इस कारण सेंसर बोर्ड ऑफिस के सामने भूख हड़ताल पर बैठे मोहारे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म सेंसर बोर्ड के कथित भ्रष्टाचार के खुलासे और तत्कालिन मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले प्रवीण मोहारे की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। परेशान मोहारे अब सेंसर बोर्ड के ऑफिस के सामने ही भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। मोहारे के मुताबिक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के चलते उन्हें सेंसर बोर्ड के ऑफिस में भी दाखिल नहीं होने दिया जा रहा है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लोगों से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने का आवाहन कर रहे हैं।

सेंसर बोर्ड के एजेंट रहे प्रविण की शिकायत पर हुई थी तत्कालिन सीईओ की गिरफ्तारी
सेंसर बोर्ड के ऑफिस के सामने शुक्रवार से भूख हड़ताल पर बैठे मोहारे के मुताबिक यह आत्मसम्मान की लड़ाई है। मैं भारतीय नागरिक हूं मैंने कुछ गलत नहीं किया है तो मुझे सेंसर बोर्ड के ऑफिस में जाने से कैसे रोका जा सकता है। मोहारे के मुताबिक अधिकारियों ने वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को हिदायत दे रखी है कि उन्हें अंदर न दाखिल होने दिया जाए लेकिन ऐसा किस कानून के तहत किया जा रहा है इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। मोहारे ने कहा कि मेरी रोजी रोटी छीन ली गई है। सेंसर बोर्ड के तुगलकी फरमान के चलते फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी उनसे कन्नी काटने लगे हैं। रोजगार का एकमात्र जरिया खत्म हो गया है।

नहीं मिली रिश्वत में दी गई रकम
मोहारे के मुताबिक सेंसर बोर्ड के तत्कालिन सीईओ राकेश कुमार को रंगेहाथों में पकड़ने के लिए CBI अधिकारियों के कहने पर मैंने 50 हजार रुपए का इंतजाम किया था। बड़ी मुश्किल से दोस्तों से उधार मांग कर यह रकम जुटाई थी। चार साल बीत जाने के बाद भी वह रकम वापस नहीं मिली। उन्हें अपना काम भी नहीं करने दिया जा रहा है। ऐसे में मैं आर्थिक तंगी से जूझ रहा हूं। मोहारे बताते हैं कि पैसों की परेशानी तो है ही लेकिन सबसे बड़ी लड़ाई आत्म सम्मान की है। उन्होंने कहा कि वे तब तक सेंसर बोर्ड के ऑफिस के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें आश्वासन नहीं देंगे।

क्या है मामला
केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक छत्तीसगढ़ी फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट देने के लिए घूस लेने के आरोप में श्रीपति मिश्रा और सर्वेश जायसवाल नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में जांच में खुलासा हुआ था कि दोनों सेंसर बोर्ड के तत्कालीन सीईओ राकेश कुमार की ओर से घूस की रकम ली थी। इसके बाद CBI ने कुमार को भी गिरफ्तार किया था। सेंसर बोर्ड में बतौर एजेंट काम करने वाले प्रवीण मोहारे ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत CBI के एंटी करप्शन ब्यूरो से की थी।

Created On :   1 Jun 2018 2:47 PM GMT

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