फर्जी पासपोर्ट मामले में मोनिका बेदी की सुनवाई 29 अगस्त को, एकल पीठ करेगी सुनवाई

Monica bedi fake passport case hearing on 29 august
फर्जी पासपोर्ट मामले में मोनिका बेदी की सुनवाई 29 अगस्त को, एकल पीठ करेगी सुनवाई
फर्जी पासपोर्ट मामले में मोनिका बेदी की सुनवाई 29 अगस्त को, एकल पीठ करेगी सुनवाई

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। फर्जी पासपोर्ट मामले में फिल्म अभिनेत्री मोनिका बेदी को दोषमुक्त किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई 29 अगस्त को एकल पीठ में होगी। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ में गुरुवार को सुनवाई के लिए आया। युगल पीठ ने मामले को एकल पीठ के समक्ष 29 अगस्त को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया है। 

2007 में भोपाल की जेएमएफसी और सेशन कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था

फिल्म अभिनेत्री मोनिका बेदी को वर्ष 2007 में भोपाल की जेएमएफसी और सेशन कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका की गई है। यह मामला वर्ष 2007 से लंबित है। मोनिका बेदी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने मोनिका बेदी को जल्द सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दायर करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने आवेदन पर विचार करने के बाद 4 जुलाई को सुनवाई के निर्देश दिए थे। यह मामला गुरुवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस की युगल पीठ में लग गया। युगल पीठ ने मामले की सुनवाई एकल पीठ के समक्ष 29 अगस्त को करने का निर्देश दिया है।
 

दहेज के लिए हत्या, मां-बेटे की उम्र कैद की सजा बरकरार

हाईकोर्ट ने दहेज के लिए हत्या करने वाले मां-बेटे की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है। जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगल पीठ ने 25 साल बाद आरोपियों की अपील निरस्त कर दी है। अभियोजन के अनुसार शहडोल निवासी शंकरदयाल का विवाह उमा बाई से हुआ था। विवाह के बाद से ही उमा बाई को दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा। उमा बाई ने इसकी शिकायत अपने मायके वालों से की। इसके बाद मायके वाले उसे अपने साथ ले गए। ससुर की मौत होने उमा बाई अपने ससुराल आ गई। 20 जुलाई 1993 को उमा बाई की लाश पंखे से लटकती हुई पाई गई। 

Created On :   5 July 2019 7:42 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story