गड़चिरोली में कोरोना इंफेक्शन से अधिक मलेरिया के मरीज मिल रहे

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। कोरोना संक्रमण के इस दौर में गड़चिरोली जिले में मलेरिया को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पिछले सात माह में मलेरिया से पॉजिटिव कुल 3 हजार 364 मरीज पाए जाने से जिले के स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गयी है। मलेरिया के मामले में गड़चिरोली जिला राज्य में सबसे आगे है। पिछले पांच माह में 5 मरीजों की मृत्यु भी मलेरिया से होने की पुष्टि विभाग ने की है। गड़चिरोली के जिला मलेरिया विभाग के आंकड़ों के अनुसार, केवल जुलाई माह में ही मरीजों की संख्या 1 हजार 660 बतायी गयी है। जनवरी से जुलाई माह तक विभाग ने सुदूर इलाकों के साथ शहरी क्षेत्र में 3 हजार 364 मरीज मलेरिया के पाए गए हैं। इस वर्ष मरीजों का यह आंकड़ा तीन गुना बढऩे की जानकारी मिली है।
बता दें कि, वर्तमान में जिले कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 667 पर पहुंच गयी है। लेकिन मलेरिया के आंकड़ों ने कोरोना वायरस को भी पीछे छोड़ दिया है। मलेरिया विभाग अब मिशन मोड पर नियंत्रण के कार्य में डटा हुआ नजर आ रहा है।
63 स्वास्थ्य सेवकों पर नियंत्रण की जिम्मेदारी
गड़चिरोली के जिला मलेरिया विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के रिक्त पदों का अंबार है। यह जिम्मा जिले के केवल ६३ स्वास्थ्य सेवक संभाल रहे हैं। विभाग में इसके १३४ पद मंजूर है। लेकिन इनमें से ७१ पद रिक्तहैं।
554 गांवों में होगा छिड़काव
समूचे महाराष्ट्र प्रदेश में गड़चिरोली जिला मलेरिया के मामले में अति संवेदनशील है। गत वर्ष स्वास्थ्य महकमे ने जिले के कुल 1 हजार 441 गांवों में मलेरिया प्रतिबंधक दवा का छिड़काव करने का निर्णय लिया था। इस वर्ष स्थिति गंभीर होने के बावजूद जिले के केवल 554 गांवों में ही छिड़काव करने का फैसला सरकार ने लिया है।
मंजूर हुई 4 लाख मच्छरदानी, , बंटी केवल 10 हजार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वर्ष मलेरिया से निपटने के लिए गड़चिरोली जिले के लिए कुल 4 लाख मच्छरदानियां मंजूर की है। मात्र कोरोना काल के चलते पहले हफ्ते के रूप में केवल 20 हजार मच्छरदानियां जिले में पहुंच पायी। जिसमें से भी अब तक केवल 10 हजार मच्छरदानियों का वितरण ही हो पाया है।
जिले में मिशन मलेरिया शुरू
जिले में मिशन मलेरिया शुरू किया गया है। इसके तहत छोटे से छोटे कस्बे में पहुंचकर स्वास्थ्य सेवक संदिग्ध मरीजों के रक्त नमूने ले रहे हैं। जो भी मलेरिया के मरीज पाए जाते हैं तो उस पर युद्धस्तर पर उपचार शुरू किया जा रहा है। - डा. कुणाल मोडक, जिला मलेरिया अधिकारी, गड़चिरोली
Created On :   6 Aug 2020 2:11 PM IST