डकैत प्रभावित क्षेत्रों में कर दिया महिला ट्रैकमैन का तबादला, श्रमिक संगठनों में आक्रोश

more than half a hundred track men and women got transfer
डकैत प्रभावित क्षेत्रों में कर दिया महिला ट्रैकमैन का तबादला, श्रमिक संगठनों में आक्रोश
डकैत प्रभावित क्षेत्रों में कर दिया महिला ट्रैकमैन का तबादला, श्रमिक संगठनों में आक्रोश

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। रेल अफसर की तानाशाही का आलम ऐसा कि आधा सैकड़ा से अधिक ट्रैकमैन का तबादला कर दिया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि तबादले के दौरान महिलाओं तक को नहीं छोड़ा है। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के आधा सैकड़ा ट्रैकमैन, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, उन्हें जबलपुर से दूरदराज के स्टेशनों पर तबादला किये जाने से प्रभावित कर्मचारियों के साथ-साथ श्रमिक संगठनों में जबर्दस्त आक्रोश है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय के निर्देश पर जबलपुर के पीडबलूआई स्टोर्स व यार्ड में पदस्थ आधा सैकड़ा ट्रैकमैनों का अचानक दूरदराज क्षेत्रों में तबादला कर दिया गया, जिससे प्रभावितों में हड़कम्प मच गया, साथ ही एम्पलाइज यूनियन व मजदूर संघ में भी आक्र ोश फैल गया। श्रमिक संगठनों का कहना था कि बगैर किसी सूचना के अचानक बीच सत्र में इस तरह का तबादला अव्यवहारिक है। इसके अलावा ऐसे कर्मचारियों का भी तबादला कर दिया गया, जो कुछ समय पूर्व ही तबादले पर जबलपुर आये और फिर तबादले से उनकी एक बार फिर सीनियरिटी भी प्रभावित होगी, क्योंकि ट्रैकमैन की सीनियर हर एईएन के क्षेत्राधिकार में अलग-अलग होती है।

महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी
वहीं तबादले को लेकर मची खींचतान में यह भी आरोप लगाये जा रहे हैं कि पमरे मुख्यालय में पदस्थ चीफ इंजीनियर (प्रोक्योरमेंट) ओपी तंवर के दबाव में जबलपुर के सीनियर डीईएन (समन्वन्व) ने यह तबादला किया है, जबकि नियम विरुद्ध यह तबादला आदेश ही गलत है।

दबाव में प्रशासन अब मांग रहा ऑप्सन
उधर जबर्दस्त विरोध को देखते हुए मंडल रेल प्रशासन ने ट्रैकमैनों से तबादले के लिए ऑप्सन मांगना शुरू कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि वे तीन स्थान बतायेें जहां पर उनका तबादला किया जाए।  इस निर्णय पर भी विरोध हो रहा है। कुछ प्रभावितों का कहना है कि रेल प्रशासन ने पहले तबादला कर दिया, अब ऑप्सन मांग रहे हैं, जबकि पहले ऑप्सन मांगना था, फिर तबादला करना था, जो नहीं किया गया।

हर बार छोटे अधिकारियों  व कर्मचारियों पर कार्रवाई
वहीं कई प्रभावितों का कहना है कि इंजीनियरिंग विभाग में कई ऐसे वरिष्ठ अधिकारी जबलपुर में वर्षों से जमे हुए हैं, जिनका तबादला सीवीसी के नियमों के तहत यहां से हो जाना चाहिए था, लेकिन उन पर नियम-कायदे लागू नहीं हो रहे, किंतु सबसे निचले स्तर के ग्रुप डी कर्मचारियों के तबादलों में पमरे व मंडल के अधिकारियों ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी है। इन लोगों का यह भी कहना है कि जबलपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल अभियंता समन्वय विजय पांडे को तो यहां पर पांचवा साल है, इसी तरह राहुल जयपुरिया का भी तबादला ड्यू है, लेकिन इन लोगों का जबलपुर मोह नहीं छूट रहा है, इन लोगों का भी तत्काल तबादला किया जाए।
 

Created On :   24 Oct 2018 8:20 AM GMT

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