जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ का टोटा, सरकार से हरी झंडी का इंतजार

More then 40% vacant seats in Zilla Parishads Health Department, lack of staff
जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ का टोटा, सरकार से हरी झंडी का इंतजार
जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ का टोटा, सरकार से हरी झंडी का इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री के गृह जिले में स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल है। पिछले कई सालों से बीमार चल रहे जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग का इलाज कराने के लिए अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में 422 पद (40 फीसदी से ज्यादा) खाली पड़े हुए है। जिले में स्क्रब टायफस से लेकर स्वाइन फ्लू का खतरा बना हुआ है आैर यहां बीमारियों से निपटने के लिए समुचित स्टाफ ही उपलब्ध नहीं है। जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में मंजूर पदों की संख्या 1073 है।

प्रयोगशाला टेक्निशियन, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, आैषधि निर्माता, स्वास्थ्य सहायक, स्वास्थ्य सेवक व कुष्ठरोग टेक्निशियन आदि के 1073 पद है। इसमें सफाई कर्मचारी व चपरासी शामिल नहीं है। 1073 में से 422 पद कई सालों से खाली पड़े हुए हैं। जिला परिषद की आेर से खाली पदों का ब्यौरा राज्य सरकार को कई बार भेजा गया है। खाली पदों को भरने की गुजारिश भी सरकार से की गई है। बावजूद इसके जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों को नहीं भरा गया।

बारिश के दिनों में ग्रामीण इलाकों में बीमारियां डंक मारती है। स्क्रब टायफस व स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी से विशेषकर ग्रामवासी घबराए हुए है। नागपुर जिले में स्क्रब टायफस के 70 रोगी पाए गए है। स्वाइन फ्लू का खतरा होने की चेतावनी जिला परिषद प्रशासन दे चुका है। बीमारी भगाने का काम जिस विभाग पर है, वह विभाग खुद ही बीमार पड़ा हुआ है।


पद                           संख्या  रिक्त 

प्रयोगशाला टेक्नि.       10        04
कुष्ठरोग टेक्नि.          08        00
स्वास्थ्य पर्यवेक्षक      21         08
स्वास्थ्य सहायक(पु)   83        13
स्वास्थ्य सेवक (पु)    301      130  
स्वास्थ्य सेवक (म)    516      245
स्वास्थ्य सहायक(म)  54        13

कुल पद                  1073      422

विभागीय आयुक्त ने की समीक्षा
विभागीय आयुक्त डा. संजीवकुमार ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में जारी स्क्रब टायफस, स्वाइन फ्लू, डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी पर चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा कर बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग में पदों की भारी कमी का मुद्दा उनके ध्यान में भी लाया गया। बीमारियों की रोकथाम के लिए गांव-गांव में कीटनाशक दवा का छिड़काव करने के लिए भी कर्मचारियों की भारी कमी है।

हमे चपरासी रखने का भी अधिकार नहीं 
शरद डोणेकर, उपाध्यक्ष व सभापति स्वास्थ्य समिति का कहना है कि जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में कई सालों से सैकड़ों पद खाली पड़े हुए है। जिला परिषद को अपने स्तर पर चपरासी नियुक्त करने का भी अधिकार नहीं है। शीघ्र पद भर्ती करने के संबंध में पालकमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा की। इससंबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया। बारिश के दिनों में बीमारियां जोर पकड़ती है। हमारे पास स्टाफ की भयंकर कमी है। उपलब्ध स्टाफ में ही तेजी से काम किया जा रहा है। सफाई सबसे अहम मुद्दा है। ग्राम पंचायत व पंचायत समितियों ने भी सफाई पर ध्यान देना चाहिए। दवा की कोई कमी नहीं है आैर बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता कदम उठाए जा रहे है। 

Created On :   7 Sept 2018 10:19 PM IST

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