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नवजात बच्ची को अस्पताल में छोडक़र भागी मां-बेटी, अस्पताल प्रबंधन ने 6 दिन बाद दी पुलिस चौकी को तहरीर

डिजिटल डेस्क, सतना। यह कैसी निर्दयी मां है जिसका जिगर के टुकड़े को अपने से अलग करने पर एक बार भी कलेजा नहीं कांपा... यह कैसी कलियुगी मां है जिसने जिस औलाद को 9 माह तक अपनी कोख में रखा उसी को जुदा करने में एक पल भी न सोचा। जी हां, हम बात कर रहे हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल शासकीय जिला चिकित्सालय का जहां एक मां अपनी बच्ची को जन्म देते ही छोडक़र चली गई। 6 दिनों तक परिजनों को खोजने के बावजूद जब सामने नहीं आए तो अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस चौकी में तहरीर दी है। पुलिस भी महिला के बताए एड्रेस पर पतासाजी कर रही है।
क्या है पूरा मामला
8 नवम्बर को 22 साल की कथित सरस्वती कोरी प्रसव वेदना की वजह से जिला अस्पताल के मेटरनिटी विंग में भर्ती कराई गई। उसने अपने पति का नाम गोलू कोरी दर्ज कराया। उसी दिन शाम साढ़े 6 बजे के करीब सामान्य प्रसव के बाद सरस्वती ने बच्ची को जन्म दिया। 1 किलो 300 ग्राम वजन होने के बच्ची की हालत नाजुक थी लिहाजा उसे जिला अस्पताल के स्पेशल केयर न्यूनेटल यूनिट (एससीएनयू) में एडमिट कराया गया। मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि सरस्वती के साथ मौजूद मां यशोदा कोरी ने लेबर रूम में अपना और नवजात का रिश्ता नानी बताया तो एससीएनयू के रिकॉर्ड में दादी होना दर्ज कराया। जबकि पता हटा, दमोह लिखवाया।
डिस्चार्ज होने के साथ ही गायब
हासिल जानकारी के मुताबिक 10 नवम्बर को सरस्वती कोरी की मेटरनिटी विंग से डिस्चार्ज हो गई और वह अपनी मां के साथ एससीएनयू पहुंचने के बजाय हॉस्पिटल से गायब हो गई। प्रसूता जिस वक्त डिस्चार्ज हुई तो उसने केसशीट पर लिखकर दिया कि उसके पास फिलहाल कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं जिससे वह अपने आपको सरस्वती कोरी साबित कर सके। उसने यह भी लिखा कि वह बाद में दस्तावेजों को उपलब्ध करा देगी।
इनका कहना है
8 नवम्बर को सरस्वती कोरी ने नवजात बच्ची को जन्म दिया था। प्री टर्म डिलीवरी होने की वजह से उसका वजन कम था लिहाजा बच्ची को एससीएनयू में एडमिट कराया गया। 10 नवम्बर को डिस्चार्ज होने के बाद सरस्वती और उसकी मां अस्पताल से गायब हो गए। मामले की लिखित जानकारी पुलिस चौकी को दे दी गई है।
Created On :   17 Nov 2022 7:31 PM IST












