पेंच टाइगर रिजर्व में नजर आया ‘मोगली का बघीरा'

Mowgli Ka Bagheera seen in Pench Tiger Reserve
पेंच टाइगर रिजर्व में नजर आया ‘मोगली का बघीरा'
‘द जंगल बुक' की यादें हुई ताजा पेंच टाइगर रिजर्व में नजर आया ‘मोगली का बघीरा'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच मोगली अभयारण्य और एक बफर जोन शामिल है। यह वही वन क्षेत्र है, जिसे रुडयार्ड किपलिंग द्वारा प्रसिद्ध ‘द जंगल बुक" में बताया गया है। इसके प्रमुख किरदार मोगली और बघीरा (काला तेंदुआ) के बीच गहरी दोस्ती के किस्से मशहूर हैं। अब इसी पेंच टाइगर रिजर्व में दुलर्भ प्रजाति का काला तेंदुआ फिर दिखाई देने का दावा किया जा रहा है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर रितुराज जैस्वाल ने इस काले तेंदुए का वीडियो बनाने का दावा किया है। रितुराज के मुताबिक, शनिवार 20 अगस्त की शाम तकरीबन 5 बजे व इसी दिन रात्रि तकरीबन 8-9 बजे के दरम्यान खवासा बफर जोन में यह काला तेंदुआ अपने परिवार के साथ नजर आया। तेंदुए के परिवार में उसकी मां व दो भाई भी हैं। 

जानकारों के मुताबिक, मादा तेंदुआ ने तकरीबन 9 माह पूर्व 3 शावकों को जन्म दिया था, जिसमें से एक तेंदुए का रंग काला है। शेष दो व मां सामान्य तेंदुए की ही तरह हैं। पेंच टाइगर रिजर्व में काला तेंदुआ नजर आने की घटना से पर्यटकों की संख्या अचानक बढ़ गई है। नागपुर व मध्य प्रदेश से अनेक पर्यटक इस काले तेंदुए को देखने के लिए पेंच के जंगल में पहुंच रहे हैं। बारिश का मौसम होने की वजह से पेंच टाइगर रिजर्व का कोर एरिया बंद कर दिया गया है। बावजूद इसके पर्यटक बफर जोन में प्रवेश कर रहें और नाइट सफारी का भी लुत्फ उठा रहे हैं।

पेंच टाइगर रिजर्व में तकरीबन 700-800 तेंदुओं का वास होने की जानकारी मिली है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह पहली घटना है जब यहां काला तेंदुआ नजर आया है। इस तेंदुए की उम्र तकरीबन 8-9 माह है। जानकारों के मुताबिक इसे वयस्क होने में 7-8 माह का वक्त लगेगा। तकरीबन डेढ़ वर्ष का होने पर यह तेंदुआ पूर्णत: वयस्क होगा, जिसके बाद इस क्षेत्र में काला तेंदुआ की संख्या में वृद्धि की संभावना है। 

वन विभाग के विशेषज्ञ अधिकारियों के मुताबिक काला तेंदुआ नजर आना सामान्य घटना है। जेनेटिक कारण की वजह से किसी शावक के शरीर में रंग रूपांतरित करने वाले जींस निष्क्रिय हो जाते हैं, जिसकी वजह से वह शावक प्राकृतिक रंग नहीं ले पाता और उसका रंग काला रह जाता है। यह कोई बीमारी नहीं है। पेंच टाइगर रिजर्व में मौजूद काला तेंदुआ पूरी तरह स्वस्थ है।   -डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, डीएफअो, नागपुर

Created On :   22 Aug 2022 3:51 PM IST

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