कोरोना से जंग की तैयारी: मप्र को हर रोज मिलेगी 643 टन ऑक्सीजन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

MP gets 643 tonnes of oxygen every day, the central government approved
कोरोना से जंग की तैयारी: मप्र को हर रोज मिलेगी 643 टन ऑक्सीजन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
कोरोना से जंग की तैयारी: मप्र को हर रोज मिलेगी 643 टन ऑक्सीजन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना संक्रमण के दौरान में ऑक्सीजन की समस्या से जूझ रहे मध्य प्रदेश के लिए यह अच्छी खबर है कि केंद्र सरकार ने हर रोज राज्य को 643 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना मरीजों के उपचार के लिये सभी आवश्यक प्रबंध प्राथमिकता के आधार पर कर रही है। उपचार की सभी व्यवस्थाओं को युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है। आवश्यक दवाओं के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई भी निर्बाध रूप से की जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं, जिनमें से कुछ प्रांरभ भी हो गये हैं। शीघ्र ही ऑक्सीजन के मामले में मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर होगा। प्रदेश में अब तक सात विभिन्न कंपनियों से रेमडेसिवर इंजेक्शन के लगभग 1 लाख 50 हजार डोजेज प्राप्त हो गए हैं। गुरूवार को इंजेक्शन के दो हजार 700 डोज निजी सप्लाई से प्राप्त हुए हैं, जिनका उचित और न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित किया गया है। शनिवार दोपहर तक सरकारी सप्लाई में 15 हजार डोज प्राप्त होंगे।

केंद्र सरकार से 22 अप्रैल से 643 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। गुरूवार को प्रदेश को 463 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। प्रदेश के 34 जिलों में स्थानीय व्यवस्था से एक हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं।

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रथम चरण में जिला अस्पतालों के दो हजार 302 बिस्तरों में से अब तक 603 बिस्तरों के लिए पाइपलाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है। द्वितीय चरण में प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 4588 बिस्तरों में से अब तक 100 बिस्तरों के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है।

Created On :   23 April 2021 5:48 PM GMT

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