- Home
- /
- शिवराज सरकार ने 2.84 लाख संविदा...
शिवराज सरकार ने 2.84 लाख संविदा शिक्षकों को नियमित करने का किया एलान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। शिक्षा विभाग में संविलियन को लेकर राजधानी में आंदोलन कर रहे शिक्षकों की मांगो को सीएम ने मान लिया है। रविवार को सीएम ने अध्यापकों को बुलाकर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उन्हें शिक्षा विभाग में संविलियन करेगी। चुनाव के पहले ये सरकार का एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। वहीं सीएम से आश्वासन मिलने के बाद शिक्षकों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। सरकार के इस फैसले से 22 साल के लंबे इंतजार के बाद 2 लाख 86 हजार शिक्षकों को इसका सीधा फायदा होगा। बता दें कि सरकार के इस फैसले के बाद अध्यापकों को सभी प्रकार की सरकारी सुविधाएं मिल सकेंगी। अब ये अध्यापक भी ट्रांसफर, पेंशन, वेतन भत्ता समेत सारी सुविधाएं पा सकेंगे।
वहीं सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि प्रदेश के अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में संविलियन होगा। शिक्षकों को जो सुविधाएं मिलती हैं, वह अध्यापकों को भी मिलेंगी। इनमें स्थानांतरण नीति, गुरुजियों का वरिष्ठता क्रम तथा शिक्षिकाओं के लिए मातृत्व अवकाश की सुविधा शामिल रहेगी।
प्रदेश के अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में संविलियन होगा। शिक्षकों को जो सुविधाएं मिलती हैं, वह अध्यापकों को भी मिलेंगी। इनमें स्थानांतरण नीति, गुरुजियों का वरिष्ठता क्रम तथा शिक्षिकाओं के लिए मातृत्व अवकाश की सुविधा शामिल रहेगी।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 21 जनवरी 2018
बता दें कि मध्यप्रदेश में 1994 में नगरीय निकाय के स्कूलों में शिक्षाकर्मी नियुक्त किए गए थे। वर्ष 1994 से 1997 प्रदेश में शिक्षकों के नियमित रिक्त पदों की जगह शिक्षा-कर्मी वर्ग-1, वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर नियुक्ति की गई थी। वहीं इसके बाद 1998 से इन पदों के लिए नियमित वर्ष 2003 तक शिक्षाकर्मियों की नियुक्तियां हुईं। 2007 से अध्यापक संवर्ग का गठन हुआ। सरकार इन शिक्षकों को छठवां वेतनमान दे चुकी है लेकिन इनका संविलियन नहीं हो पा रहा था।
वहीं इस मामले में रविवार को आंदोलन कर रहे शिक्षकों से सीएम शिवराज सिंह अपने आवास में मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने शिक्षकों की सारी मांगे मानने की बात कही। जिसके बाद शिक्षकों ने आंदोलन वापस ले लिया। बता दें कि शिक्षक काफी समय से राजधानी भोपाल में आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन में महिला अध्यापकों ने मुंडन कराकर सरकार का विरोध किया था। जिसके चलते शिक्षकों द्वारा लगातार आंदोलन किए जा रहे थे।
Created On :   21 Jan 2018 8:44 PM IST