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मध्य प्रदेश : 53 साल बाद रीस्ट्रक्चरिंग कर राज्य वित्त सेवा के नए नियम जारी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सरकार ने 53 साल बाद मप्र राज्य वित्त सेवा नियमों को री स्ट्रक्चरिंग कर नये सिरे से जारी किया है। 1965 में पहली बार राज्य वित्त सेवा के नियम बने थे और उसमें समय-समय पर संशोधन हुये थे। लेकिन अब री स्ट्रक्चरिंग कर एकजाई नियम बनाये गये हैं जिन्हें मप्र राज्य वित्त सेवा राजपत्रित भर्ती तथा सेवा की शर्तें नियम 2018 नाम दिया गया है।
नए नियमों में संवर्गीय 485, असंवर्गीय 173 तथा प्रशिक्षण/अवकाश रक्षित 32 पदों के अंतर्गत स्वीकृत कुल पदों की संख्या 690 दी गई है। इसी प्रकार, कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान के 358, वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान के 183, प्रवर श्रेणी वेतनमान के 101, वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान के 34 तथा अधिसमय वेतनमान के 14 दर्शाये गये हैं।
लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान जोकि सहायक संचालक होते हैं, वाले राज्य वित्त सेवा के 50 प्रतिशत पद यानि 179 पद भरे जायेंगे जबकि शेष 50 प्रतिशत पद अधीनस्थ लेखा सेवा के लोगों को पदोन्नति देकर भरा जायेगा। वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान, प्रवर श्रेणी वेतनमान, वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान तथा अधिसमय वेतनमान के पद न ही सीधी भर्ती से और न ही पदोन्नति द्वारा भरे जायेंगे बल्कि चयन द्वारा भरे जायेंगे।
इसी प्रकार कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान वाले सहायक संचालक पद से वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान वाले उप संचालक के पदों पर छह वर्ष, उप संचालक से प्रवर श्रेणी वेतनमान वाले संयुक्त संचालक के पद 4 वर्ष, संयुक्त संचालक से वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान वाले अपर संचालक के पद 5 वर्ष तथा अपर संचालक से अधिसमय वेतनमान वाले संचालक के पद 5 वर्ष का सेवा अनुभव होने के बाद भरे जायेंगे।
इनका कहना है
‘‘कई विभागों में वित्तीय सलाहकार के पद स्वीकृत हुए हैं। फिर आंतरिक आडिट प्रकोष्ठ को भी डिफाईन करना था। वर्ष 1965 के बाद कई संशोधन भी हुये हैं। इसलिये री स्ट्रक्चरिंग कर नये सिरे से राज्य वित्त सेवा के नये नियम जारी किये गये हैं।’’
- नितिन नंदगांवकर, संचालक पेंशन, मप्र
Created On :   9 Oct 2018 7:39 PM IST