एमपी के स्टाम्प संशोधन बिल को राष्ट्रपति से डेढ़ साल बाद मिली मंजूरी

MP stamp amendment bill approved by President after one and a half years
एमपी के स्टाम्प संशोधन बिल को राष्ट्रपति से डेढ़ साल बाद मिली मंजूरी
एमपी के स्टाम्प संशोधन बिल को राष्ट्रपति से डेढ़ साल बाद मिली मंजूरी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राष्ट्रपति रामानाथ कोविंद ने एमपी सरकार के उस बिल को मंजूरी दे दी है जो विधानसभा में डेढ़ साल पहले 30 मार्च 2016 को पारित हुआ था। यह बिल भारतीय स्टाम्प एमपी संशोधन विधेयक है तथा यह केंद्र सरकार के सौ साल से भी अधिक पुराने भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 में संशोधन के संबंध में है। राज्य सरकार बिल लाकर जब इसमें संशोधन करती है तो बाद में उसकी मंजूरी राष्ट्रपति से लेनी होती है जिससे वह कानून के रुप में अमल में आ जाता है।

 

राष्ट्रपति की मंजूरी से लागू हुए नए स्टाम्प कानून में जहां ई-स्टाम्प के प्रावधान शामिल किए गए हैं वहां स्टाम्प की दरें बाजार मूल्य के अनुसार संगणित किए जाने का उपबंध किया गया है। पहले दस्तावेजों पर कम मूल्य के स्टाम्प लगाए जाने पर उन्हें विधिमान्य कराने के लिए स्वविवेक से दण्ड लेने का प्रावधान था परन्तु अब प्रति माह दो प्रतिशत की दर से ब्याज प्रभारित करने का प्रावधान कर दिया गया है। इसी प्रकार पहले स्टाम्पिंग के अंतर्गत पक्षकारों द्वारा की गई गलतियां मुख्य रुप से लिपिकीय स्वरुप की होती थीं और इनमें सुधार हेतु दस प्रतिशत की कटौति होती थी जोकि बहुत ज्यादा थी परन्तु अब यह कटौति दो प्रतिशत कर दी गई है। 

 

इसके अलावा नए स्टाम्प कानून में पिता की सम्पत्ति में पुत्री और पुत्र के अलावा पुत्रवधु को भी अधिकार दिए जाने का प्रावधान कर दिया गया है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण किया गया है। इसी तरह अब स्टाम्प शुल्क के संबंध में जिला कलेक्टर को अपील करने के पूर्व प्रभारित स्टाम्प की 25 प्रतिशत राशि पहले जमा करना होगी जैसा कि राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग एवं केंद्र सरकार के आयकर विभाग की अपीलों में होता है।

 

एसडी रिछारिया (उप सचिव वाणिज्यिक कर विभाग) ने कहा कि राष्ट्रपति महोदय ने एमपी सरकार द्वारा विधानसभा में गत वर्ष पारित भारतीय स्टाम्प एमपी संशोधन अधिनियम को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह अधिनियम अब प्रदेश में प्रभावशील हो गया है।

Created On :   28 Oct 2017 7:53 AM GMT

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