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मप्र में बेड एण्ड ब्रेक फास्ट के स्थान पर होम स्टे योजना प्रभावशील

डिजिटल डेस, भोपाल। राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में पर्यटन निगम के माध्यम से शुरु की बेड एण्ड ब्रेक फास्ट योजना के स्थान पर अब मप्र होम स्टे स्थापना पंजीयन तथा नियमन योजना 2018 लागू कर दी है। इस नई स्कीम के तहत पर्यटन स्थलों के पास रहने वाले निजी घर के स्वामी सरकार से प्रोत्साहन राशि लेकर अपना घर संवार सकेंगे तथा बिना लायसेंस के पर्यटकों को ठहरा सकेंगे। यह प्रोत्साहन राशि लेने के लिये निजी घर के स्वामी को एमपी टूरिज्म बोर्ड में अपना पंजीयन कराना होगा। वह अपने घर में पर्यटकों के लिये एक या अधिकतम छह कक्ष रख सकेगा। कक्षों में सुविधाओं मसलन फ्रीज,एसी, वाटर हीटर आदि सुविधाओं के हिसाब से तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें सिल्वर श्रेणी के पर्यटक आवास हेतु एक हजार रुपये प्लस जीएसटी, गोल्ड श्रेणी हेतु 2 हजार प्लस जीएसटी तथा डायमंड श्रेणी हेतु 3 हजार रुपये प्लस जीएसटी पंजीयन शुल्क के रुप में देना होगा।
यह मिलेगी प्रोत्साहन राशि
नई स्कीम के तहत गोल्ड श्रेणी में पंजीकृत/अपगेडेड होम स्टे को 25 हजार रुपये तथा डायमंड श्रेणी में पंजीकृत/अपग्रेडेड हो स्टे को 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रुप सरकार से सिर्फ एक बार के लिये मिलेंगे। इसी प्रकार, होम स्टे का ब्रोशर/वेबसाईट बनाने हेतु व्यय का सौ प्रतिशत अथवा अधिकतम दस हजार रुपये एक बार के लिये सरकार से मिलेगा। होम स्टे सम्पत्तिधारक द्वारा राष्ट्रीय/अंतराष्ट्रीय ट्रेवल मार्ट में सहभागिता व्यय का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जायेगी। कौशल विकास प्रशिक्षण में सहभागिता पर 500 रुपये यात्रा भत्ता प्रति होम स्टे प्रति व्यक्ति दिया जायेगा।
होम स्टे पर ये मिलेंगी सुविधायें
होम स्टे पर पर्यटकों को भोजन परोसने पर फूड तथा रेस्टोरेंट लायसेंस नहीं लेना होगा। सम्पत्तिधारक जल कर तथा सम्पत्ति कर का आवासीय दर से स्थानीय निकाय को भुगतान करेगा। परन्तु सम्पत्तिधारक पर जीएसटी के प्रचलित प्रावधान लागू होंगे। विद्युत प्रभार आवासीय दर पर देना होगा। पंजीकृत होम स्टे का विवरण पर्यटन निगम/बोर्ड की वेबसाईट पर प्रदर्शित किया जायेगा जिससे पर्यटक उसे देख अग्रिम बुकिंग करा सकें।
इनका कहना है
‘‘वर्ष 2010 की योजना में अभी करीब सौ होम स्टे प्रदेशभर में संचालित हैं। पहले न्यूनतम दो और अधिकतम पांच कमरों के लिये होम स्टे की अनुमति थी परन्तु अब न्यूनतम एक और अधिकतम 6 कमरों का प्रावधान कर दिया है। इन कमरों को संवारने के लिये प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया गया है। नई स्कीम के तहत पहले से संचालित होम स्टे भी अपग्रेडेशन हेतु पुन: पंजीयन करा सकते हैं। नई स्कीम के तहत पंजीयन कराने के लिये वेबसाईट से फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। नई स्कीम से निजी घरों के स्वामी अधिक से अधिक संख्या में आगे आयेंगे। - एके राजौरिया, डायरेक्टर, एमपी टूरिज्म बोर्ड, भोपाल
Created On :   24 Oct 2018 10:35 AM IST