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इंडोरामा कंपनी पर मंडरा रहा बंद होने का संकट, अलर्ट करने के बावजूद नहीं आ रहे बाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बुटीबोरी की सबसे पुरानी कंपनी इंडोरामा सिंथेटिक को बंद करने का प्रस्ताव महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) ने राज्य सरकार को भेजा है। एमपीसीबी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमें कंपनी को बंद करने का अधिकार नहीं है, इसलिए सरकार को प्रस्ताव भेजकर मांग की गई है। वजह, इंडोरामा कंपनी द्वारा बार-बार पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करना है। कंपनी द्वारा पानी ट्रीटमेंट कर उसे नदी में छोड़ने के बजाय केमिकल्स मिश्रित पानी कृष्णा नदी में छोड़ा जा रहा है। कृष्णा नदी आगे जाकर वेणा नदी और वेणा नदी का पानी रामा डैम में मिलता है, जिससे स्थानीय गांवों को होने वाली जलापूर्ति भी दूषित हो रही है। इस संबंध में कंपनी को कई बार नोटिस और चेतावनी दी गई है, बावजूद इसके कोई उपाय नहीं किए गए हैं। अंतत: कंपनी को बंद करने का प्रस्ताव भेज दिया है। फिलहाल अब सरकार को इस पर निर्णय लेना है।
पोल्यूशन को लेकर हमेशा ही विवादों में
इंडोरामा सिंथेटिक कंपनी काफी समय से प्रदूषण को लेकर विवादों में है। कभी गंदे पानी को नदी में छोड़े जाने और कभी कंपनी से निकलने वाले राख का धुआं परिसर में फैलने को लेकर। स्थानीय लोगों ने भी इसकी कई बार शिकायत की है। बाकायदा स्थानीय लोगों ने इंडोरामा कंपनी द्वारा दूषित पानी नदी में छोड़ने का लाइव चित्र एमपीसीबी को दिखाया था। इसके बाद स्थानीय विधायक समीर मेघे ने भी विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था। फिलहाल कंपनी से निकलने वाली राख ठेकेदारों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर सड़कों और खाली प्लाटों पर फैलाने का मामला गर्माया है। यह मामला सामने आने के बाद कंपनी भी हरकत में आई है, जिसके बाद कंपनी के पिछले हिस्से में स्थित गेट नंबर-1 में नर्सरी से कृष्णा नदी में छोड़े जाने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए जगह-जगह गड्ढे करने का खुलासा हुआ है।
बना प्रक्रिया के छोड़ा जा रहा गंदा पानी
कंपनी से निकलने वाले केमिकल्स मिश्रित गंदे पानी पर प्रक्रिया कर उसे नदी में छोड़ना चाहिए था, लेकिन वह सीधे गंदा पानी नदी में छोड़ रहा था। यह पानी आगे जाकर वेणा नदी में मिलता है। वेणा नदी का पानी रामा डैम में जाता है। इसी पानी से स्थानीय गांवों को जलापूर्ति होती है, जिससे नागरिकों की जान से खिलवाड़ होने का आरोप लगता रहा है। स्थानीय भू-गर्भ का पानी भी दूषित होने का दावा है। इसे देखते हुए एमपीसीबी ने राज्य सरकार को दिवाली से पहले एक प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में इंडोरामा कंपनी को बंद करने की सिफारिश की गई है। सूत्रों का कहना है कि बंद अनुसार उसकी बिजली और जलापूर्ति काटी जाएगी। जब तक वह प्रदूषण को रोकने यानी पानी और धुएं को रोकने उपाय योजना नहीं करता, कंपनी शुरू नहीं की जाएगी।
कंपनी नहीं दे रही ध्यान
इंडोरामा कंपनी द्वारा खुलेआम गंदा पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। इस बाबत अनेक बार नोटिस दिए गए हैं, लेकिन कोई असर होता नहीं देख अब सरकार को कंपनी को बंद करने का प्रस्ताव भेजा है।
-राहुल वानखेडे, प्रादेशिक अधिकारी, एमपीसीबी
इस तरह का पत्र मिला
हमें भी इस तरह का पत्र मिला है। हमने सरकार के पास अपना पक्ष रखा है, हालांकि एमपीसीबी जो नमूने दूषित बता रही है, वही नमूनों की हमने भी जांच कराई है। जांच में नमूने सामान्य पाए गए हैं। -श्री वरखेड़कर, जनरल मैनेजर, इंडोरामा कंपनी
Created On :   17 Nov 2018 1:58 PM IST