लॉकडाउन में हुई रेत घाटों को लेकर एमपीसीबी की जनसुनवाई

MPCBs public hearing about sand ghats in lockdown
लॉकडाउन में हुई रेत घाटों को लेकर एमपीसीबी की जनसुनवाई
लॉकडाउन में हुई रेत घाटों को लेकर एमपीसीबी की जनसुनवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में 23 जगह रेत घाट की प्रक्रिया शुरू करने के लिए महाराष्ट्र पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एमपीसीबी) द्वारा ली गई जनसुनवाई में जिले से 68 लोग शामिल हुए। लाॅकडाउन में जनसुनवाई लेने पर सवाल उठाए गए। रेत उत्खनन की बजाय राख (फ्लाय एश) व मैन्युफैक्चरिंग रेत का इस्तेमाल करने के सुझाव भी दिए गए। प्रशासन की तरफ से जनसुनवाई में उठे सवालों व आपत्तियों पर जवाब देने के साथ ही इसके मिनट्स तैयार किए गए। प्रशासन की तरफ से इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। जिले में रेत घाट शुरू करने का अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। 

निवासी उपजिलाधिकारी रवींद्र खजांजी की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में एमपीसीबी की बैठक हुई। जूम एप के माध्यम से जनसुनवाई शुरू हुई। जनसुनवाई में शामिल लोगों ने अपने सवाल रखे और आपत्तियां भी दर्ज कराई। लाॅकडाउन में जनसुनवाई रखे जाने के कारण अधिकांश लोगों को इसकी सूचना नहीं मिलने का मुद्दा उठाया गया। श्री खजांजी ने कहा कि अखबारों के माध्यम से जरूरी जानकारी दी गई। इसी का नतीजा है कि इतने सारे लोग जनसुनवाई में शामिल हुए। 

23 जगह शुरू करना है रेत घाट 
जिले में पेंच और कन्हान नदी पर 23 जगहों पर रेत घाट शुरू करना है। जिले के मौदा, कुही, सावनेर, पारशिवनी व कामठी आदि तहसीलों के तहत आने वाले गांवों में ये रेत घाट हैं। पेंच व कन्हान नदी को शहर में जलापूर्ति होती है। इसे शहर की जीवन रेखा भी कहा जाता है। विदर्भ पर्यावरण कृति समिति के संयोजक सुधीर पालीवाल का कहना है कि लगातार रेत उत्खनन नदी की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। राख व मैन्युफैक्चरिंग सैंड (रेत) के इस्तेमाल पर उन्होंने जोर दिया। 

 

Created On :   9 Jun 2020 10:45 AM GMT

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