45 से 50 प्रतिशत संक्रमण होने पर भी श्रीमती निर्मल पंजाबी ने कोविड से जीती जंग (कहानी सच्ची है)!

45 से 50 प्रतिशत संक्रमण होने पर भी श्रीमती निर्मल पंजाबी ने कोविड से जीती जंग (कहानी सच्ची है)!
45 से 50 प्रतिशत संक्रमण होने पर भी श्रीमती निर्मल पंजाबी ने कोविड से जीती जंग (कहानी सच्ची है)!

डिजिटल डेस्क | मुरैना नगर निगम मुरैना निवासी श्रीमती निर्मल पंजाबी आयु 56 वर्ष को 20 अप्रैल की रात और 21 अप्रैल की सवेरे बुखार और बदन दर्द के साथ-साथ में गले में खराश भी थी। ऑक्सीजन की मात्रा 93-95 प्रतिशत और बुखार 101.4 डिग्री था। कोरोना वायरस की शंका के चलते उन्होंने घर पर खुद को आइसोलेट कर लिया। चूँकि एक ही दिन में मेरी देवरानी को भी कोरोना वाइरस निमोनिया के कारण ग्वालियर बिरला हॉस्पीटल में भर्ती किया गया था और एक पारिवारिक पूजा के दिन मैं और मेरी देवरानी कुछ समय साथ रहे थे। विलम्ब नहीं करते हुए अगले ही दिन खून सम्बन्धी जाचें और एचआरटी बीमेज स्कैन किया गया और 23 अप्रैल को कोविड-19 की पुष्टि हुई।

स्कैन में लगभग 45-50 प्रतिशत संक्रमण था, ऑक्सीजन का स्तर 85-88 प्रतिशत तक था और मैं मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप की मरीज भी थी। इसलिए डॉक्टर राघवेंद्र यादव और डॉक्टर योगेश तिवारी से सलाह लेकर तुरंत 23 अप्रैल की रात को ही मैं जिला अस्पताल में भर्ती हो गई। अस्पताल में भर्ती होते ही बिना विलम्ब इलाज शुरू हो गया। जिसमें उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ साथ Broad spectrum Antibiotics, विटामिन C, जिंक आदि दिया गया और 25 अप्रैल की सुबह से 29 अप्रैल तक रेमिडेसिविर के इंजेक्शन भी दिए गए।

इस दौरान डॉक्टर राघवेंद्र यादव, डॉक्टर योगेश तिवारी और डॉक्टर राहुल गुप्ता ने समय-समय पर मुझको देखकर उन्हें उचित चिकित्सकीय सलाह दी और उनका मनोबल बढ़ाया। नर्सिंग स्टाफ और सरकारी अस्पताल के मैनेजमेंट स्टाफ का भी भरपूर सहयोग रहा। समय पर सही इलाज मिलने से मेरी स्थिति में काफी सुधार आया और 30 अप्रैल को मुझे डिस्चार्ज कर दिया। तब श्रीमती निर्मल पंजाबी ने खुश होकर कहा कि कोविड का ईलाज समय पर प्रारंभ हो जाये तो व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ्य होता है।

Created On :   26 May 2021 7:41 AM GMT

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