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सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक हो रहे म्यूकर माइकोसिस के मरीज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में अब दूसरी लहर का प्रभाव खत्म हो गया है। अब संक्रमितों की संख्या 1000 के अंदर पहुंच गई है, लेकिन अब बड़ी संख्या में मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं। इसके कारण म्यूकर माइकोसिस के मरीज बढ़ गए हैं। मरीजों में इस बीमारी का डर बन गया है। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में भी इस तरह के मरीज आए हैं, लेकिन अब मरीज पूरी तरह रिकवर भी हो रहे हैं। 65 साल की महिला मुकुदनी भुसारी ने इस बीमारी को हरा दिया, हालांकि ऊपरी जबड़े के दाईं ओर के सभी दांत निकालने पड़े
7 अप्रैल को हुई सर्जरी
मरीज मुकुदनी भुसारी के बेटे अतुल भुसारी ने बताया कि उनकी माता को मधुमेह की समस्या थी। वह 15 फरवरी को पॉजिटिव हुई थी और 25 फरवरी को निगेटिव हुई। इसके 15-20 दिन बाद मरीज को दांतों में दर्द होने लगा। उन्हें डेंटिस्ट के पास गए तो उन्होंने बताया कि यह म्यूकर माइकोसिस के लक्षण हैं। आप इन्हें जीएमसी नागपुर लेकर जाएं। 2 अप्रैल को नागपुर दंत चिकित्सालय में लेकर आए। यहां पर डॉक्टर ने बताया कि फंगस फैल गया है, सर्जरी करना होगी। शुगर सामान्य नहीं होने के कारण सर्जरी नहीं की गई। इसके बाद 7 अप्रैल को आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सर्जरी की गई। ऊपर के हिस्से के दाईं ओर के सभी दांत और जबड़ा निकाला गया। सर्जरी सफल रही। उसके बाद से दवाई दी जा रही थी। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।
पूरा परिवार घबरा गया था
मरीज के बेटे अतुल ने बताया कि जैसे ही म्यूकर माइकोसिस के बारे में सुना तो हम बहुत घबरा गए थे। हम कोविड के इलाज में ही पहले बहुत खर्च कर चुके थे। मां भी कमजोर हो गई थी। पहले कोविड और अब यह बीमारी, लेकिन हम नागपुर के दंत चिकित्सालय आए तो यहां पर बहुत अच्छी तरह इलाज मिला। डॉ. अभय दातारकर और उनकी टीम सर्जरी के बाद हर एक दिन छोड़ कर कॉल कर स्थिति पूछते हैं। निजी अस्पताल में भी इसका इलाज कराते तो बहुत खर्चा होता और इतनी सुविधा नहीं मिलती। किसी भी इलाज का कोई खर्च नहीं लगा। सिर्फ कुछ दवाई थी, वह बाहर से लेनी पड़ी।
सिर्फ 3 से 4 प्रतिशत मरीजों को होती है यह बीमारी
अभी हमारे पास जितने भी मरीज आ रहे हैं, वह बहुत ज्यादा डरे हुए आ रहे हैं। आते ही यह कहते हैं कि हमे म्यूकर माइकोसिस हो गया है, इलाज कर दो। इस समय मरीज का समुपदेशन करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि मरीज पहले ही कोविड से निकल कर आया है। म्यूकर माइकोसिस मुधमेह के मरीज जो कोविड से रिकवर हुए हैं, ऐसे सिर्फ 3 से 4 प्रतिशत लोगों को होता है। यह सभी को हो, ऐसा जरूरी नहीं है। इसकी पहचान अगर जल्द हो जाए जो इलाज भी रिकवरी भी जल्द हो जाती है। -डॉ. अभय दातारकर, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, विभाग प्रमुख, शासकीय दंत महाविद्यालय व चिकित्सालय
10 मरीजों का जबड़ा निकाला, 10 का आपरेशन बाकी
कोरोना के बाद अब इससे ठीक होने वाले मरीजों में म्यूकर माइकोसिस बीमारी नई परेशानी बनकर सामने आई है। मरीजों में इस बीमारी को लेकर डर बन गया है। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में इस बीमारी के अब तक 48 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं। इसमें 10 मरीजों के जबड़े निकाल कर सर्जरी की जा चुकी है। अभी भी 10 लोगों की सर्जरी होना शेष हैं।
इंफेक्शन का इलाज जारी
जानकारी के अनुसार ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में अब तक 48-49 मरीज म्यूकर माइकोसिस के सामने आ चुके हैं। इनमें से 10 मरीजों की अब तक सर्जरी हो चुकी है, जिसमें ऊपर के जबड़े निकाल दिए गए हैं। आने वाले सप्ताह में 10 सर्जरी और की जाएगी। इनमें से कुछ मरीजों का साइनस में इंफेक्शन होने के कारण ईएनटी विभाग में इलाज चल रहा है। साथ ही कुछ मरीजों का नेत्र रोग विभाग में इलाज चल रहा है। करीब 7-8 मरीज पूरी तरह रिकवर हो चुके हैं।
Created On :   19 May 2021 4:00 PM IST