अब कोविड से ठीक होने वाले मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस की बीमारी

Mucarmicosis disease in patients recovering from Covid now
अब कोविड से ठीक होने वाले मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस की बीमारी
अब कोविड से ठीक होने वाले मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस की बीमारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद भी समस्याएं पीछा नहीं छोड़ रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कुछ पोस्ट कोविड मरीजों में दांत की समस्या हो रही है, जिसे म्यूकरमाइकोसिस कहा जाता है। इसमें दांत पूरी तरह खराब हाे जाते हैं। समय पर इलाज नहीं करने पर दांत निकालने की स्थिति बन जाती है। 

यह होते हैं लक्षण
डिस्चार्ज होने के बाद जो नई समस्या दांतों की देखी जा रही है, इसमें दांतों में दर्द, दांतों का हिलना, मसूड़ों में पस डिस्चार्ज जैसी समस्या होती है। इसके साथ ही जबड़ा सड़ने लगता है। यदि इसका शुरुआती स्टेज मंे इलाज नहीं किया गया, तो पूरा जबड़ा निकालने की स्थिति बन जाती है। 

क्यों होती है बीमारी
यह बीमारी ज्यादातर उन कोविड मरीजों को हो रही है, जिन्हें मधुमेह है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। कोविड के दौरान इलाज के लिए एस्टेरॉइड भी दिए जाते हैं। इससे ब्लड शुगर बढ़ जाती है और यह समस्या उत्पन्न होने लगती है।

जबड़ा निकालने की स्थिति
कोविड के बाद डेंटल अस्पताल में ज्यादातर मरीज दांत हिलने और दर्द की समस्या लेकर आ रहे हैं। पिछले हफ्ते में एक मरीज का पूरा जबड़ा निकालना पड़ा। एक-एक दांत निकालते हुए पूरा जबड़ा निकल गया। यह स्थिति जबड़ा सड़ने के कारण हुआ। इसे मेडिकल में टर्मिनोलॉजी में ऑस्टियोमाइलिटिस कहते हैं, जो फंगल इंफेक्शन से होता है।

काफी महंगा इलाज
इस बीमारी के उपचार में ज्यादातर एंफोटेरिसिन, एंफोटेरिसिन बी और दूसरे एंटी फंगल ड्रग देते हैं। इसके साइड इफेक्ट बहुत होते हैं। यह किडनी और लिवर पर असर करते हैं। एक-एक मरीज को 30 से 40 दिन तक एंटी फंगल ड्रग देना होता है, जिसकी कीमत एक से सवा लाख रुपए तक होती है।

ब्रेन तक पहुंच सकता है
म्यूकरमाइकोसिस यानी फंगल इंफेक्शन की समस्या नाक के साइनस से शुरू होती है। फिर धीरे-धीरे पूरे जबड़े तक फैलते हुए ब्रेन तक पहुंच सकती है, जिसे राइनोसेरेब्रल म्यूकरमाइकोसिस कहते हैं। इसे शुरुआती समय में नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ मरीजों में तालू (सिर के बीच के हिस्से) में भी पस डिस्चार्ज की समस्या आई है।

बचने के लिए यह करें
कोविड के बाद आेरल केविटी में भी फंगल इंफेक्शन हो रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि कोरोना से ठीक होने के बाद एक बार पूरी तरह डेंटल चेकअप कराएं। इससे किसी भी तरह के इंफेक्शन को बढ़ने से पहले ही रोका जा सकता है। 

जांच जरूर कराएं
म्यूकरमाइकोसिस के पहले दो महीने में एक-दो मरीज आते थे। पिछले 15 दिन में 8 से 10 मरीज आ चुके हैं। इसमें भी जिन लोगों को मधुमेह या कोई दूसरी बीमारी है, जिससे इम्युनिटी कमजोर होती है। इससे बचने के लिए आवश्यक है कि कोविड के बाद एक बार दांतों की जांच जरूर कराएं। 
-डॉ. अभय दातारकर, विभाग प्रमुख, शासकीय दंत महाविद्यालय नागपुर

Created On :   5 April 2021 10:19 AM IST

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