ब्लूटूथ-माइक्रोफोन से पास कराने वाले "मुन्ना भाई' गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

Munna Bhai gang busted by Bluetooth-microphone, 4 arrested
ब्लूटूथ-माइक्रोफोन से पास कराने वाले "मुन्ना भाई' गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार
ब्लूटूथ-माइक्रोफोन से पास कराने वाले "मुन्ना भाई' गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ब्लूटूथ-माइक्रोफोन की मदद से परीक्षा में प्रश्नों को हल कराने वाले "मुन्ना भाई" गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मोटी रकम लेकर परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास कराने वाले इस गिरोह का तार औरंगाबाद से भी जुड़ा था। नागपुर पुलिस ने राज्य के अलग-अलग शहरों से 4 को गिरफ्तार किया है। इसमें इंद्रजीत बोरकर, हंसराज राठोड़, प्रताप सिंह दुल्हट और पूनम सिंह मूनदर्डे शामिल हैं।

ज्वाइन करने की प्रक्रिया में खुली पोल
 बजाज नगर थाने में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस उपायुक्त नुरुल हसन ने बताया कि फरवरी-2020 में  लेखा परीक्षक पद के लिए हुई परीक्षा में एक "मुन्नाभाई" ने कान में ब्लूटूथ लगाकर परीक्षा दी। यह  "मुन्नाभाई" टॉप आया और पहले क्रमांक पर उसे नौकरी मिली, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान "मुन्नाभाई" का भेद खुल गया। उसके बाद "मुन्नाभाई" के हाइटेक गिरोह का पर्दाफाश हो गया। नागपुर पुलिस ने औरंगाबाद के दो सूत्रधारों को गिरफ्तार किया। इनमें प्रताप सिंह धोंडी राम दुल्हट (25)  परदेसीवाडी, बदनापुर, जिला जालना व पूनम सिंह हरी सिंह सुंदरडे (34) औरंगाबाद निवासी शामिल हैं। दोनों का पुलिस ने रिमांड लिया है। 

दूसरे युवक ने दी परीक्षा  
पुलिस उपायुक्त नुरुल हसन के अनुसार, 23 फरवरी 2020 को  शासन द्वारा सहकार पणन व वस्त्रोद्योग विभाग के लिए विभागीय सह निबंधक सहकारी संस्था की ओर से कनिष्ठ लिपिक व उपलेखा परीक्षक के लिए परीक्षा ली गई। नागपुर में डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय में परीक्षा का केंद्र था। इंद्रजीत केशवर बोरकर (29), आंबेडकर नगर, नागपुर निवासी भी परीक्षार्थी था।  इंद्रजीत के पहचान पत्र पर प्रताप सिंह दुल्हट ने खुद की फोटो लगाई और इंद्रजीत की जगह बैठकर परीक्षा दी। इंद्रजीत को 200 अंक में से 178 मिले। 

इंद्रजीत को पास कराने की गारंटी  इंद्रजीत ने बताया कि उसके पिता के हसंराज मोहन राठोड़ (62) परिचित हैं। यह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। उन्होंने परीक्षा में पास कराने की गारंटी दी थी। करीब 4.50 लाख रुपए देने की बात हुई। इस कारण पुलिस ने इंद्रजीत के पिता केशव बोरकर, हंसराज राठोड़ और प्रेम सिंह राम सिंह राजपूत सिडको, आैरंगाबाद निवासी को इस मामले में आरोपी बनाया है। उस समय केशव बोरकर और प्रेम सिंह राजपूत ने गिरफ्तारी पूर्व ही जमानत ले ली थी। पुलिस ने सबसे पहले जालना निवासी प्रताप सिंह धोंडीराम दुल्हट और औरंगाबाद िनवासी पूनम सिंह हर सिंह सुंदरडे को हिरासत में लेकर पूछताछ की। 

मेल नहीं खाए हस्ताक्षर
11 मार्च 2020 को मूल दस्तावेज  के साथ इंद्रजीत को नागपुर कार्यालय में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। दस्तावेजों की जांच के बाद उसके हस्ताक्षर लिए गए, लेकिन वह परीक्षा के समय किए गए हस्ताक्षर से मेल नहीं खा रहे थे। कड़ी पूछताछ में इंद्रजीत ने बताया कि  उसकी जगह दूसरे को बैठाकर परीक्षा दिलाई गई थी। विभागीय सह निबंधक सहकारी संस्था (लेखा परीक्षण) विभाग सिविल लाइंस  नागपुर के अधिकारी राजू बिर्ले ने बजाज नगर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर इंद्रजीत को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को  यवतमाल, दिग्रस निवासी हंसराज राठोड़ (62) के बारे में जानकारी मिली। उसे भी पकड़ा गया। जांच के दौरान औरंगाबाद, शंभाजी कॉलोनी निवासी प्रेम सिंह राठोड़ के माध्यम से अन्य परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठाने की जानकारी सामने आई है। 

चलती टैक्सी से पकड़ा गया
 नागपुर से पुलिस दल 28 फरवरी 2021 को आैरंगाबाद पहुंचा। इस दौरान प्रताप सिंह दुल्हट स्वास्थ्य विभाग की परीक्षा देने के लिए पुणे रवाना हुआ था। चलती टैक्सी को रोककर पुलिस ने उसे पकड़ा। इस आरोपी से स्पाई कैमरा एप इंस्टॉल किया हुआ मोबाइल, एक टैब, माइक्रो ईयर फोन (जो कान के अंदर लगाने के बाद दिखाई नहीं देता) व सिमकार्ड जब्त किया। इसे नागपुर 1 मार्च को लाकर गिरफ्तार किया गया। इसकी निशानदेही पर 4 मार्च को पूनम सिंह को गिरफ्तार किया गया। सूत्रधार प्रेम सिंह राजपूत और प्रताप सिंह दुल्हट इस गिरोह को चला रहे थे। राजपूत भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण सिडको, आैरंगाबाद में लिपिक है। 

हाईटेक तकनीक
 प्रताप सिंह शर्ट के नीचे एक टी-शर्ट पहनता था। अंदर के जेब में मोबाइल रखता था, जिसका कैमरा हर 4 सेकंड बाद प्रश्न पत्र का फोटो लेकर आैरंगाबाद में बैठे राजपूत व सुंदरडे के टैब पर भेजता जाता था। वे पढ़कर उत्तर प्रताप सिंह को फोन पर बताते थे। 
प्रताप सिंह के कान में माइक्रो फोन लगा होता था, इसलिए वह बड़ी ही आसानी से उत्तर लिख लेता था।
 

Created On :   5 March 2021 12:32 PM IST

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