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संगीत बनाएगा वर्क फ्रॉम होम के समय ऊर्जावान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंसान कितना भी थका हो, संगीत ऐसी चीज है, जो उसे ऊर्जा से भर देती है। जाहिर तौर पर इसका काफी असर होता है। म्यूजिक थैरेपी विशेषज्ञों का दावा है कि संगीत मरीजों को भी ठीक कर सकता है, फिर वर्क फ्रॉम होम के दौरान प्रोडक्टिविटी बढ़ाना संगीत के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। वेब एफएक्स के एक शोध के अनुसार जब लोग गाना सुनते हुए काम करते हैं, तब वे ज्यादा खुश रहते हैं और ज्यादा असरदार काम कर पाते हैं।
चेहरे पर आती है रौनक, मिटती है थकान
कौनसा संगीत कैसे करता है असर
एम्बिएंट म्यूजिक : डेटा एंट्री परफेक्ट करता है। 92 प्रतिशत तक सुधारता है।
डांस म्यूजिक : प्रूफ रीडिंग स्पीड 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
क्लासिकल म्यूजिक : किसी भी काम की गुणवत्ता 12 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
पॉप म्यूजिक : 14 प्रतिशत तक गलतियां कम कर देता हैं। पॉप संगीत सुनते हुए डेटा एंट्री की स्पीड 58 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
संगीत को कब बदलना है?
विशेषज्ञों के अनुसार लिरिक्स के साथ संगीत सुनने से नई जानकारियां लेने में दिक्कत भी हो सकती है। अगर आपके काम में ज्यादा फोकस करने की जरूरत है, तो वह संगीत सुनें, जिससे आप पहले से परिचित हों। आपके काम में बोलने की जरूरत पड़ती है, तो बिना लिरिक्स का संगीत सुनें।
Created On :   17 Dec 2020 4:09 PM IST