- Home
- /
- नाबार्ड अधिकारी ने बताया ‘कैसे हुआ...
नाबार्ड अधिकारी ने बताया ‘कैसे हुआ एनडीसीसी बैंक घोटाला’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एनडीसीसी बैंक घोटाले में विशेष निचली अदालत के समक्ष नाबार्ड के जांच अधिकारी विनोद देशमुख की गवाही हुई। देशमुख ने अदालत को बताया कि, किस प्रकार बैंक के अध्यक्ष सुनील केदार, महाव्यवस्थापक अशोक चौधरी और अन्य आरोपियों ने मिल कर इस घोटाले को अंजाम दिया। देशमुख के अनुसार वर्ष 2002 में नाबार्ड ने उन्हें और उनके एक साथी को बैंक के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी थी। दोनों अधिकारियों ने जब 4 फरवरी से 26 फरवरी 2002 की अवधि में बैंक का निरीक्षण किया, तो देखने मिला कि पिछले तीन वर्षों में बैंक में निवेश आश्चर्यजनक रूप से बढ़ गया था। उस समय बैंक के पास 124.76 करोड़ रुपए की प्रत्यक्ष सिक्युरिटीज आना बाकी था।
बैंक के अन्य दस्तावेजों की पड़ताल में पता चला कि, कामकाज में अनेक नियमों का उल्लंघन करके कई अनिमितताएं की गई थी। 26 फरवरी 2002 तक सरकारी प्रतिभूतियों के करीब 149.83 करोड़ रुपए बैंक पर आउटस्टैंडिंग थीं। इस आधार पर रिपोर्ट तैयार करके नाबार्ड को प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने इसे रिकार्ड पर लेकर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। मामले में सरकारी की ओर से सरकारी वकील ज्योति वजानी, आरोपी अशोक चौधरी की ओर से एड.अशोक भांगड़े ने पक्ष रखा।
गणेशपेठ थाने में दर्ज है मामला
वर्ष 2002 में सामने आए नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के करोड़ों रुपए के इस घोटाले मंे विशेष लेखा परीक्षक विश्वनाथ असवर ने बैंक का ऑडिट करके 29 अप्रैल 2002 में गणेशपेठ पुलिस थाने मंे शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बैंक के पूर्व अध्यक्ष सुनील केदार, महाव्यवस्थापक अशोक चौधरी और अन्य पर भादंवि की धारा 406, 409, 468, 12-ब, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय का गठन कराया। इसके बाद अब विशेष अदालत इस मामले में सुनवाई ले रही है।
Created On :   9 July 2021 12:16 PM IST