- Home
- /
- नागपुर : 27 प्राइवेट बसों ने...
नागपुर : 27 प्राइवेट बसों ने मुंह मोड़ा ,फेरियां होंगी प्रभावित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एसटी महामंडल की बसें पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र में शुरू होने के बाद शहर में फेरियों पर असर पड़ना तय है, क्योंकि विभिन्न कारणों का हवाला देकर 27 प्राइवेट बसों ने एसटी प्रशासन से मुंह मोड़ लिया है। इनकी जगह लाल बसों को चलाकर खानापूर्ति की जा रही है। चूंकि अब ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, इसलिए शहरी फेरियां बसों की कमी से निश्चित तौर पर प्रभावित होंगी।
ग्रामीण में 40 की जगह 22 हजार किमी ही चल रहीं बसें : मार्च 2019 तक नागपुर विभाग में एसटी महामंडल की बसें एक दिन में कुल 1 लाख 64 हजार किलोमीटर चलती थीं। केवल ग्रामीण क्षेत्र में ही 40 हजार किमी बसों को चलाया जाता था। स्कूली विद्यार्थियों के लिए ज्यादातर बसों को चलाया जा रहा था, लेकिन संक्रमण के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हुए तो एसटी बस सेवा भी बंद रही। वर्तमान में रामीण में 22 हजार किमी ही बसों को चलाया जा रहा है। इस कारण बसों की मांग नहीं थी। अब स्कूल-कॉलेज शुरू होने से गांव-गांव से स्कूली बच्चों के लिए बसें शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है। लिहाजा, महामंडल को प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्र में 40 हजार किमी बसें चलाने का लक्ष्य पूरा करना पड़ेगा।
ऐसे पड़ेगा फर्क : कोरोना संक्रमण के पहले तक नागपुर से 27 प्राइवेट बसों को प्रशासन द्वारा चलाया जाता था। यह बसें औरंगाबाद, पुणे, यवतमाल, सांगली, चंद्रपुर, बल्लारशाह, भंडारा आदि जगहों पर जाती थीं। अब यह 27 बसें पूरी तरह से बंद हैं। विभिन्न कारणों से निजी एजेंसियों ने मार्च महीने के बाद से कई बस दिया ही नहीं। प्रशासन ग्रामीण में चलनेवाली बसों को शहरी मार्ग पर चला रहा था। अब ग्रामीण में वापस इन बसों को ले जाने से शहर मार्ग की बसों की फ्रिक्वेंसी पर फर्क पड़ेगा। हर 15 मिनट में मिलनेवाली बसों के लिए घंटे भर तक का इंतजार करना पड़ेगा।
फ्रिक्वेंसी तो प्रभावित होगी : ग्रामीण से बसों की मांग बढ़ने से शहरी मार्ग की बसों की फ्रिक्वेंसी प्रभावित होगी, क्योंकि निजी तौर पर चलाई जाने वाली 27 बसें हमें नहीं मिल रही हैं। -नीलेश बेलसरे, विभाग नियंत्रक, एसटी महामंडल, नागपुर
Created On :   16 Feb 2021 1:43 PM IST