नागपुर : 6616 वारांगनाएं, मदद मिली केवल 2442 को

Nagpur: 6616 Waranganas, helped only on 2442
नागपुर : 6616 वारांगनाएं, मदद मिली केवल 2442 को
नागपुर : 6616 वारांगनाएं, मदद मिली केवल 2442 को

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के महिला व बाल विकास वभाग ने सभी वारांगनाओं  को प्रति माह 5000 रुपए व उनकी बच्चों की शिक्षा के लिए प्रतिमाह 2500 रुपए की निधि कोरोनाकाल में देने का आदेश जारी किया। जिले में 6616 वारांगनाएं हैं, लेकिन मदद केवल 2442 को ही मिल सकी है। इसी तरह 1672 लोगों को ही बच्चों की शिक्षा के लिए मदद मिल सकी है। नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (नैको) की ओर से जिलाधीश को वारांगनाओं व उनके बैंक खातों का डेटा दिया गया है। 

2020 में जारी हुए थे आदेश
कोरोनाकाल में वारांगनाओं की कमाई का जरीया बंद हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में वारांगनाओं को आर्थिक मदद देने का आदेश दिया था। राज्य के महिला व बाल विकास विभाग ने सभी वारांगनाओं को प्रतिमाह 5 हजार व उनके बच्चों की शिक्षा के लिए प्रति माह ढाई हजार रुपए की सहायता निधि देने का आदेश 26 नवंबर 2020 को जारी किया था। इनकी सूची तैयार करने की जिम्मेदारी नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (नैको) को दी गई है, जो जिला एड्स प्रतिबंध व नियंत्रण पथक के साथ मिलकर सूची तैयार कर जिलाधीश को सौंपेगी। जिलाधीश इस समिति के अध्यक्ष होते हैं। 

सहायता से रहे वंचित
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार जिले की 6616 वारांगनाओं में से केवल 2442 को ही अभी तक 3 करोड़ 66 लाख 30 रुपए की सहायता मिल सकी है। शेष 4174 वारांगनाओं को अभी तक सहायता निधि नहीं मिल सकी है। इसी तरह केवल 1672 वारांगनाओं के खाते में ही बच्चों की शिक्षा के लिए 1 करोड़ 25 लाख 40 हजार की निधि पहुंच सकी है। नैको ने सभी की सूची बैंक अकाउंट के साथ जिला प्रशासन को देने के बावजूद कोरोनाकाल में हजारों वारांगनाएं सरकारी सहायता से वंचित हैं। नैको की अगुवाई में जिला एड्स प्रतिबंधक व नियंत्रण पथक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी चलाता है। 

सभी को मिले मदद 
कोरोनाकाल में सभी वारांगनाओं की आर्थिक स्थिति नाजुक बनी हुई है। नैको ने सूची तैयार कर जिला प्रशासन को सौंपी है। जिलाधीश समिति के अध्यक्ष हैं। पूरी सूची देने के बावजूद केवल 2442 को ही मदद मिल सकी है। सभी को शासकीय मदद मिलनी चाहिए। निधि के अभाव में इनके बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं रहने चाहिए।  - सचिन खोब्रागडे, आरटीआई कार्यकर्ता
 

Created On :   6 May 2021 10:39 AM GMT

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