10वीं की एग्जाम दे रहे 84884 छात्र, 79977 छात्राएं और 17 ट्रांसजेंडर

Nagpur 8,4884 students giving 10th exams 79977 girls, 17 transgender
10वीं की एग्जाम दे रहे 84884 छात्र, 79977 छात्राएं और 17 ट्रांसजेंडर
10वीं की एग्जाम दे रहे 84884 छात्र, 79977 छात्राएं और 17 ट्रांसजेंडर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं बोर्ड की एग्जाम शुरू हो चुकी है।  सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक प्रथम भाषा मराठी, हिंदी, उर्दू का पेपर लिया गया। उड़नदस्तों ने नागपुर विभाग से कुल 12 नकलची पकड़े। नकल रोकने जिला स्तरीय और बोर्ड के कुल 55 उड़नदस्ते तैयार किए गए हैं। विद्यार्थियों को तय समय से आधा घंटा पहले परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। पेपर का पैकेट  विद्यार्थियों के सामने खोला गया। परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्राॅनिक उपकरण के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रखा गया था।  विद्यार्थी समय पूर्व ही परीक्षा केंद्रों पर नजर आए।

पेपर छूटने के बाद मुख्य चौराहों के नजदीक परीक्षा केंद्रों के बाहर जाम की स्थिति बन गई। नागपुर, भंडारा, चंद्रपुर, वर्धा, गड़चिरोली और गोंदिया जिले के कुल 1 लाख 64 हजार 878 विद्यार्थी परीक्षा मे शामिल हुए हैं। इसमें 84 हजार 884 छात्र, 79 हजार 977 छात्राएं और 17 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी हैं। इसी के साथ 5 हजार 73 पुनर्परीक्षार्थी भी पेपर दे रहे है। बोर्ड ने इस बार 690 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। इस साल कक्षा 10वीं की परीक्षाएं दो सत्रों में होंगी। पहला सत्र सुबह 11 से 2 बजे तक और दूसरा सत्र दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होगा। सुबह 10.30 बजे तक और दोपहर में 2.30 बजे तक परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा। 

हॉल टिकटों में मिल रहीं त्रुटियां

बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों को जारी किए गए हॉल टिकटों में त्रुटियां देखने मिल रही हैं। कई विद्यार्थियों के हॉल टिकट में जेंडर ही बदल गए हैं। छात्र के जेंडर कॉलम में फीमेल लिखा गया है। इस बार बोर्ड ने हॉल टिकट ए-4 आकार के पेपर पर निकले हैं। पूर्व में हॉल टिकट छोटे होते थे। बोर्ड ने नए प्रारूप के अनुसार हॉल टिकट पर विद्यार्थियों के लिए जरूरी निर्देश लिखे हैं। महीना भर चलने वाली परीक्षा के इस हॉल टिकट को लैमिनेशन करके संभाल पाने में मुश्किल होने की शिकायत विद्यार्थी कर रहे हैं। बोर्ड के अधिकारियों की मानें, तो कुछ हॉल टिकटों पर गलती हुई होगी, वह भी संबंधित स्कूल की जानकारी के कारण हो सकता है। नए प्रारूप के प्रवेश पत्र पर निर्देश अधिक स्पष्ट और सीधे विद्यार्थियों तक पहुंचने का तर्क बोर्ड ने दिया है।

 

Created On :   2 March 2019 8:14 AM GMT

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