स्वच्छ भारत की रैंकिंग में नागपुर पिछड़ा, देश में 23वां नंबर 

Nagpur backward in the ranking of clean India, get 23 number in country
स्वच्छ भारत की रैंकिंग में नागपुर पिछड़ा, देश में 23वां नंबर 
स्वच्छ भारत की रैंकिंग में नागपुर पिछड़ा, देश में 23वां नंबर 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छ भारत अभियान सर्वेक्षण 2018 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नागपुर महानगरपालिका प्रशासन जोर-शोर से जुटा हुआ है। मनपा आयुक्त अश्विन मुदगल भी इसके लिए सड़क पर उतर चुके हैं। यही वजह है कि संतरानगरी का नाम 20वीं रैंकिंग के अंदर अर्थात 16वीं रैंकिंग में दर्ज किया जा चुका है, लेकिन लोगों के घटते रुझान के साथ अन्य शहरों की बढ़ती सक्रियता ने संतरानगरी को पीछे कर दिया है। यही वजह है कि 16वीं रैकिंग में आने के बाद एक माह में ही नागपुर 23वीं रैंक पर पहुंच गया है। हालांकि, मनपा के अधिकारियों का कहना है कि एक बार 20वीं रैंकिंग के अंदर आने के बाद पूरे नंबर मिलते हैं।


राज्य में 5वां स्थान 

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की रैंकिंग एप का उपयोग करने वाले, शिकायत का समाधान और लोगों के फीडबैक के आधार पर प्रतिदिन तय किया जाता है। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में शामिल नागपुर इस सूची में 23वें नंबर पर पहुंच गया है, जबकि राज्य में पांचवें नंबर पर है। राज्य में 1- ग्रेटर मुंबई, 2-पुणे, 3- ठाणे, 4-पिंपरी चिंचवड़ के बाद 5वें स्थान पर नागपुर है।


75 फीसदी एप डाउनलोडर निष्क्रिय 

संतरानगरी में प्रतिदिन नागपुरियन को स्वच्छता एप डाउनलोड करवाया जा रहा है, लेकिन परेशानी की बात यह है कि अब तक 44 हजार 747 लोगों द्वारा एप को डाउनलोड किया गया है। इसमें कुल का सिर्फ 25 फीसदी अर्थात 10 हजार 113 ही एक्टिव हैं, जबकि 75 फीसदी अर्थात 34 हजार 634 यूजर निष्क्रिय हैं, जिसका प्रभाव रैंकिंग पर पड़ रहा है।


अन्य शहरों की बढ़ रही सक्रियता

संतरानगरी के लिए अन्य शहरों की बढ़ती सक्रियता संकट खड़ा कर रही है। स्वच्छ भारत की रैंकिंग में पिछड़े शहरों ने काम में गति लाई है, इससे उनकी रैंकिंग में बढ़ोतरी हो रही है जबकि नागपुर के डाउनलोड करने वालों की संख्या कम होने से हमारी रैंकिंग पिछड़ रही है।


ऐसे होगा नंबरों का वितरण

शहर को 4 हजार नंबर दिए जाएंगे। इसमें सिटीजन फीडबैक के 1,400 नंबर हैं। डायरेक्ट ऑब्जरवेशन के लिए 1,200 नंबर हैं, जबकि कार्य की गति के 1,400 नंबर तय किए गए हैं। इसमें कई सारी कैटेगरी बनाई गई है। जैसे-घनकचरा को जमा करना, उसको ले जाने के लिए 420, कचरा का प्रोसेस करने के 350, शहर को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए 420, नागरिकों में स्वच्छता की जानकारी, शिक्षा व संवाद के लिए 70, कर्मचारियों को स्वच्छता की जानकारी के लिए 70, स्वच्छता के लिए शहर में किए गए कार्य के लिए एवं एप डाउनलोडिंग के लिए 150 नंबर तय किए गए हैं।


हमें मिलेंगे पूरे नंबर 

जयंत दांडेगावकर, अतिरिक्त उपायुक्त, मनपा के मुताबिक 20वीं रैंकिंग में कोई भी शहर एक बार भी आता है, तो उसे पूरे नंबर मिलेंगे, चूंकि हम पहले ही आ चुके है इसलिए हमें पूरे 150 नंबर मिलेंगे। अब रैंकिंग बदलने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।

Created On :   21 Jan 2018 10:37 PM IST

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