दिल्ली में बड़े नेताओं से नहीं मिल सके कांग्रेस के दोनों गुट

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दिल्ली में बड़े नेताओं से नहीं मिल सके कांग्रेस के दोनों गुट
दिल्ली में बड़े नेताओं से नहीं मिल सके कांग्रेस के दोनों गुट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव के पहले अपनी जमीन तैयार करने मंगलवार को शहर कांग्रेस के दोनों गुट दिल्ली में थे। बहाना प्रियंका गांधी की राष्ट्रीय महासचिव पद पर नियुक्ति का स्वागत करने का रहा, लेकिन मकसद नेताओं से मुलाकात का था। हालांकि दोनों गुट के नेताओं की मंगलवार शाम तक दिल्ली के  किसी बड़े नेता से मुलाकात नहीं हो पाई थी। इस बीच ठाकरे समर्थकों ने दिल्ली में मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे से मुलाकात कर अपनी बातों को साझा किया। राऊत समर्थकों की शाम तक किसी नेता से मुलाकात नहीं हो पाई थी।

चुनाव की दृष्टि से इस दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों गुटों का अपना-अपना एजेंडा है। ठाकरे समर्थक गुट इसके पहले दिल्ली का एक दौरा कर चुका है। नितीन राऊत समर्थक गुट सोमवार की शाम दिल्ली के लिए रवाना हुए, जिसमें गेव आवारी, तानाजी वनवे, अशोक धवड, विजय बाभरे, संजय दुबे समेत अनेक हैं। मंगलवार को इन नेताओं ने दिल्ली में प्रियंका गांधी की नियुक्ति का स्वागत व अभिनंदन किया। हालांकि शाम तक वे बड़े नेताओं से मुलाकात नहीं कर पाए।

चतुर्वेदी को वापस पार्टी में लाने की मांग
प्रियंका गांधी की ताजपोशी के कारण सभी अन्य बड़े नेता व्यस्त रहने के कारण उन्हें समय नहीं मिल पाया। राऊत समर्थक विलास मुत्तेमवार, विकास ठाकरे को उम्मीदवारी देने का विरोध कर रहे है। इनकी चुनाव से पहले सतीश चतुर्वेदी को वापस पार्टी में लाने की मांग भी  है। इन विषयों को नेताओं के सामने रखने की तैयारी है। सोमवार रात को यह टीम जैसे दिल्ली रवाना हुई, उसके तुरंत बाद ठाकरे गुट भी सक्रिय हो गया। ये भी दल-बल के साथ मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। हालांकि इन्होंने भी प्रियंका गांधी की नियुक्ति का स्वागत करने के लिए दिल्ली पहुंचने की जानकारी दी। लेकिन दिन भर नेताओं से मुलाकात की कोशिशें जारी रहीं। दिल्ली में किसी बड़े नेता से मुलाकात तो नहीं हो पाई, किन्तु महासचिव मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे से मुलाकात कर विविध विषयों पर चर्चा रही। इसका खुलासा नहीं हो पाया। लेकिन सतीश चतुर्वेदी की दोबारा कांग्रेस वापसी का विरोध और लोकसभा चुनाव में आशीष देशमुख, गेव आवारी, प्रफुल गुडधे, नितीन राऊत, नाना पटोले को नागपुर से उम्मीदवार देने का विरोध इनके एजेंडे पर प्रमुख रहने की जानकारी मिली। इन्होंने अपरोक्ष रूप से साफ किया कि अगर इनमें से किसी भी नेता को टिकट मिलती है, तो शहर कांग्रेस में असंतोष उभर सकता है। 
 

Created On :   6 Feb 2019 8:07 AM GMT

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