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खरीदी समिति कुंभकर्णी नींद में, दिव्यांग हुए लाचार

डिजिटल डेस्क, नागपुर । सरकार वैसे तो दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन उपराजधानी में जिला परिषद द्वारा दिव्यांगों को रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू की गई योजना ढुलमुल कामकाज के चलते खटाई में दिखाई दे रही है। मनपा की तरह ही नागपुर जिला परिषद के कुछ विभाग अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं। यहां कई योजनाएं अधिकारियों की लापरवाही के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। कुछ साल पहले सरकार ने दिव्यांगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत दिव्यांगों को जेरॉक्स मशीनें बांटी जाती हैं। जिप ने साल 2015-16 में 80 लाख की 71 मशीनें बांटी थीं। खरीदी समिति ने इनकी कीमत 71 हजार प्रति तय की थी। 2016-17 में 32 लाख रुपए मंजूर हो चुके हैं। यह निधि जिप के समाज कल्याण विभाग के पास जमा है। करीब 60 दिव्यांगों ने आवेदन कर विभाग से मशीनों की मांग की है, लेकिन खरीदी समिति की बैठक नहीं होने से दिव्यांगों के रोजगार पाने के सपनों पर पानी फिर रहा है।
खरीदी समिति की लापरवाही
जिप सूत्रों के अनुसार दिव्यांगों को मशीनें बांटने के लिए पहले खरीदी मूल्य तय किया जाता है। इसके बाद उत्पादक कंपनी से कोटेशन मंगाया जाता है। इसके लिए जिप की खरीदी समिति की बैठक होती है। एक साल में समिति की कम से कम चार बैठकें होती हैं। बैठक में आवश्यकतानुसार विविध विषयों पर चर्चा होती है। इसमें महत्वपूर्ण वस्तुएं खरीदने का निर्णय लिया जाता है। दिव्यांगों के लिए जेरॉक्स मशीनें खरीदने के संबंध में भी यही प्रक्रिया अपनायी जाती है। दुर्भाग्य से पिछले साल इस संबंध में एक भी बैठक नहीं ली गई। इसलिए इस योजना की सारी प्रक्रियाएं थम चुकी हैं। एक तरह से जिप खरीदी समिति की लापरवाही के कारण दिव्यांगों को मशीनें नहीं मिल पा रही हैं।
खाते में पैसे जमा होंगे
दिव्यांगों को जेरॉक्स मशीनें बांटने की रूपरेखा तैयार की गई है। इसके लिए खरीदी समिति की बैठक होनी बाकी है। इस बैठक में खरीदी मूल्य तय होगा। इसके बाद लाभार्थियों के खाते में राशि जमा की जाएगी। इस बार फंड कम होने से कम लोगों को योजना का लाभ मिलेगा। शेष लाभार्थियों को नये वित्त वर्ष में लाभ मिलने की संभावना है।
-सचिन रामटेके, प्रभारी, जिप समाज कल्याण विभाग
Created On :   6 March 2018 3:38 PM IST