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घपलेबाज न्यायिक हिरासत में : एफडी-आरडी के पैसों का कैसे किया बंदरबांट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। श्री संत जगनाड़े महाराज क्रेडिट को-ऑप. सोसाइटी में हुए 3.36 करोड़ के घोटाला प्रकरण में जब्त डायरी आरोपियों के राज उगलने वाली है। आरोपियों ने आखिर कैसे खाताधारकों की एफडी व आरडी के पैसों का बंदरबांट किया है। उधर गिरफ्तार आरोपी सोसाइटी के शाखा प्रबंधक विनोद गजानन फटिंग (शाखा प्रबंधक), दुर्गा नीरज भवालकर (क्लर्क-शाखा प्रबंधक) और दीपक बाबूलाल तेलमासरे (क्लर्क) की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
जल्द ही कुछ और आरोपियों की धरपकड़
इस प्रकरण में जल्द ही कुछ और आरोपियों की धरपकड़ की जाएगी। प्रकरण की जांच तहसील थाने के पुलिस निरीक्षक विनायक गोल्हे (अपराध) कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सोसाइटी के वर्तमान पदाधिकारियों के हाथ एक ऐसी डायरी लगी है, जिसमें आरोपियों के काले कारनामों का सारा काला चिट्ठा मौजूद है।
मील का पत्थर साबित होगी डायरी : वर्तमान पदाधिकारियों को उम्मीद है कि, यह डायरी पुलिस के लिए जांच में मील का पत्थर साबित हो सकती है। डायरी के पन्नों में लिखा हुआ है कि, किस आरोपी ने कैसे और कितनी रकम निकाली। रकम निकालने के बाद किसके हिस्से में कितनी रकम आई और आरोपियों ने आखिर कैसे खाताधारकों-निवेशकों की एफडी व आरडी के पैसों का आपस में बंदरबांट किया। यह डायरी पुलिस भी पुलिस के हाथ लग चुकी है। डायरी से इस बात का भी खुलासा हो जाएगा कि, आखिर कैसे अच्छी खासी चलने वाली सोसाइटी को पूर्व पदाधिकारियों ने बर्बाद कर दिया।
24 साल ऑडिट करने वाले ऑडिटर की भूमिका सवालों के घेरे में
वर्तमान अध्यक्ष दीपक वाड़ीभस्मे ने सोसाइटी के पूर्व ऑडिटर अग्रवाल की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया है। उन्होंने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि, यह ऑडिटर करीब 24 साल तक संस्था का ऑडिट करता रहा, इस दौरान संस्था संचालकों व पदाधिकारियों की सरपरस्ती में वह काम करता रहा। ऑडिटर से पूछताछ होने पर आर्थिक घोटाले के मामले में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आ सकती है। जब उक्त सोसाइटी में घपलेबाजी का दौर शुरू हुआ था, तब सोसाइटी से 40 हजार रुपए से कम रुपए ही निकाले जा सकते थे। यह रकम निकालते समय आरोपियों का झुंड क्या तरीका अपनाता था, ये पकड़े गए आरोपियों से पुलिस ने रिमांड में जरूर पता कर लिया होगा।
खुद की जेब से दिए पैसे
सोसाइटी के अरुण सुपारे का कहना है कि, उनका आरोपियों से कोई संबंध नहीं रहा है। उन्होंने अपनी जेब से एक वृद्ध महिला को खुद रुपए दिए हैं, जो सोसाइटी से आरोपियों ने हजम कर डाले थे। अरुण का कहना है कि, सोसाइटी में सबसे अधिक रकम (1.3 करोड़) का निवेश है। वर्तमान अध्यक्ष दीपक वाडीभस्मे और अरुण सुपारे चाहते हैं कि, घपलेबाजों के काले कारनामे सामने आएं।
संपत्ति बेचकर पैसे लौटाएं जाएं : उन्होंने कहा कि, जिन घपलेबाजों की मौत हो चुकी है, उनकी संपत्तियों को बेचकर पैसे वापस लौटाए जाने चाहिए। भरत सुपारे, श्याम नारनवरे, जीतू चिकाने और महेश ठोंबरे की मौत हो चुकी है। यह सोसाइटी के पूर्व पदाधिकारी थे। वर्तमान पदाधिकारियों की मानें तो जिन पूर्व पदाधिकारियों की मौत हो चुकी है, वे पहले मास्टर माइंड हैं। आरोपी विनोद फटिंग, अरविंद उराडे, दुर्गा भवालकर, दीपक तेलमासरे दूसरे दौर के माइंड मास्टर कहे जा सकते हैं ।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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