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इलेक्ट्रिक बसों की चाल ठिठकी, प्रक्रिया लटकी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र द्वारा पुरस्कृत योजना के तहत मनपा के 100 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने से मनपा ने 40 बस ही खरीदने का निर्णय लिया। केंद्र सरकार से इसके लिए 3 करोड़, 60 लाख रुपए मिले। संबंधित निविदा धारक को यह रकम भुगतान करना था, लेकिन आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने निविदा धारक के साथ बातचीत का अड़ंगा डाला है। आयुक्त के अड़ियल रवैए से आपली बस के बेड़े में शामिल होने पहले ही इलेक्ट्रिक बसों की चाल ठिठक जाने का खुलासा मनपा परिवहन समिति सभापति बाल्या बोरकर ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया।
तत्कालीन आयुक्त मुंढे ने दी थी मंजूरी
बोरकर ने बताया कि 40 इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए 3 बार निविदा जारी की गई थी। तीनों बार एकमात्र मे. ओलेक्ट्रा ग्रीन टेक प्रा. लि. कंपनी ने निविदा भरी। निविदा में 71.80 रुपए प्रति किलोमीटर दर था। तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने निविदा धारक के साथ बातचीत कर 66.33 रुपए प्रति किलोमीटर दर को मंजूरी दी। परिवहन समिति की मंजूरी लेकर मे. अोलेक्ट्रा ग्रीन टेक प्रा. लि. के साथ एग्रीमेंट किया गया। केंद्र सरकार से प्राप्त 3 करोड़, 60 हजार रुपए निविदा धारक कंपनी को देना बाकी था। इससे पहले ही मुंढे का मुंबई तबादला हो गया। उनकी जगह राधाकृष्णन बी. ने पदभार संभाला।
पहली किस्त का भी भुगतान नहीं
नए आयुक्त ने निविदा धारक के साथ बातचीत करने का अड़ंगा डालकर रकम भुगतान रोक दिया है। पहली किस्त का भुगतान नहीं किए जाने से बसों की निरीक्षण प्रक्रिया लटकी हुई है। जब तक िनरीक्षण रिपोर्ट केंद्र को नहीं मिलेगी, तब तक आगे की निधि नहीं मिलेगी।
Created On :   29 Jan 2021 6:09 AM GMT