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वर्षों से डिजिटाइज नहीं किए गए ‘गट्ठा कार्ड’

डिजिटल डेस्क,नागपुर। भूमि अभिलेख विभाग का कामकाज 1 अप्रैल 2021 से पूर्णत: ऑनलाइन किया गया है, इसके बावजूद अब भी 900 से अधिक गट्ठा कार्ड अपडेट नहीं किए गए हैं। गट्ठा कार्ड में शहर के कई कीमती भूखंडों का ब्योरा व उनकी मालकियत के रिकॉर्ड दर्ज हैं। खास बात यह है कि पिछले कुछ वर्षों में गट्ठा कार्ड में दर्ज संपत्तिधारकों के नामों में तेजी से परिवर्तन हुए हैं। इन कार्डों का डिजिटाइजेशन नहीं होने से अब भी पुराने धारक ही संपत्ति के मालिक प्रदर्शित हो रहे हैं। संपत्तियों को ब्योरा नहीं मिल पा रहा है।
दर्ज किए जाएंगे नाम : भूमि अभिलेख विभाग ने इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए गट्ठा कार्ड में दर्ज संपत्ति के ब्योरे का डिजिटाइजेशन करने की प्रक्रिया शुरू करने की योजना तैयार की है। इसके लिए सर्वप्रथम कार्ड में दर्ज भू-संपत्ति का सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण व जांच के बाद वर्तमान में भू-संपत्ति के मालिकों के नाम दर्ज किए जाएंगे। इन संपत्तिधारकों के पृथक कार्ड भी तैयार किए जाएंगे। भूमि अभिलेख अधिकारी सपना पाटील के मुताबिक ऑनलाइन कामकाज से भू-संपत्ति के मामलों का जल्द निपटारा हो पा रहा है।
नामांतरण के मामलों का निपटारा भी तेज गति से : विगत 1 वर्ष में नामांतरण के कुल 15 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से लगभग 11400 आवेदनों का निपटारा किया गया, जिसमें 6326 से अधिक संपत्तियों का फेरफार किया गया है। वर्तमान में नामांतरण के करीब 3 हजार मामले प्रलंबित हैं। इसके अलावा एसआरओ से 676 मामले नामांतरण के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 477 मामलों का निपटारा किया गया तथा 195 मामले शेष हैं। ऑनलाइन व्यवस्था से भूमि अभिलेख विभाग के कामकाज में तेजी आने की जानकारी है।
सर्वेयरों की कमी : भूमि अभिलेख विभाग के 3 कार्यालय हैं, जिनमें कर्मचारियों की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है। विशेषकर सर्वेयर की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है। तीनों कार्यालयों मे करीब 6 अतिरिक्त सर्वेयर की आवश्यकता है। भूूमि अभिलेख विभाग क्र. 3 में 2 सर्वेयर व 3 वरिष्ठ कर्मचारियों की कमी है।
Created On :   14 May 2022 6:29 PM IST