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बीएमए को 1.8 करोड़ लौटाएगा एमआईडीसी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन (एमआईडीसी) बुटीबोरी के उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण शुल्क (ईपीएससी) वापस करेगा। हाल ही में इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। बुटीबोरी एमआईडीसी के उद्योजकों ने वर्ष 2020 में 1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 की अवधि के लिए भारी ईपीएससी शुल्क का भुगतान किया था। बीएमए (बुटीबोरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने ईपीएससी शुल्क बढ़ाए जाने पर आपत्ति दर्ज की थी, जिसके बाद एमआईडीसी को शुल्क वापस करने के आदेश दिए गए हैं। एमआईडीसी की ओर से बीएमए को एक मेल के माध्यम से ईपीएससी शुल्क लौटाने की जानकारी दी गई है। कुल अनुमानित रिफंड 1.8 करोड़ रुपए है।
1.10 रुपए किया था ईपीएससी शुल्क
उल्लेखनीय है कि 11 दिसंबर 2019 को एक आदेश पारित कर ईपीएससी शुल्क बिल्ट-अप एरिया के लिए प्रति एम2 प्रति माह 0.10 से बढ़ाकर 1.10 रुपए कर दिया गया था। इस आदेश के तहत 19 जनवरी से सभी ऑरेंज और रेड श्रेणी के उद्योगों से प्रति वर्ष 10% की वृद्धि के साथ पूर्वव्यापी प्रभाव से शुल्क लिया जाना था। एमआईडीसी बुटीबोरी के उद्योगों पर अचानक ही बोझ बढ़ गया था। बीएमए के अध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने ईपीएससी शुल्क बढ़ाए जाने पर आपत्ति दर्ज की थी। 15 जून को मुंबई में सीईओ एमआईडीसी के साथ हुई बैठक में एमआईडीसी बुटीबोरी को यह शुल्क लगाने का वास्तविक कारण पूछा गया।
बीएमए से वसूला जाता है
श्री खंडेलवाल ने बताया कि जिले में केवल बुटीबोरी एमआईडीसी में स्थित उद्योगों से ही यह शुल्क वसूला जाता है। राज्य में केवल 3 या 4 उद्योग क्षेत्र में यह लागू होता है।
Created On :   25 Jun 2021 3:20 PM IST