नागपुर देश का पांचवा महानगर, जहां मेट्रो बनाएगी लोगों की सेहत, भारी ट्रैफिक-पॉल्यूशन से छुटकारा

Nagpur is fifth largest metropolis in country, metro will make peoples health or reduce pollution
नागपुर देश का पांचवा महानगर, जहां मेट्रो बनाएगी लोगों की सेहत, भारी ट्रैफिक-पॉल्यूशन से छुटकारा
नागपुर देश का पांचवा महानगर, जहां मेट्रो बनाएगी लोगों की सेहत, भारी ट्रैफिक-पॉल्यूशन से छुटकारा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी देश के उन बड़े शहरों में पांचवे स्थान पर होगी, जहां आने वाले दिनों में मेट्रो का सफर लोगों के लिए लाइफ लाईन साबित होगा। खासकर लोगों को भारी ट्रैफिक और पॉल्यूशन से छुटकारा मिलेगा। यानी मैट्रो आरामदायक सफर के साथ लोगों की सेहत का भी ध्यान रखेगी। लोगों को अपने वाहनों पर घूमने की आदत पड़ चुकी है। मेट्रो शुरू होते ही उनकी सेहत भी बनने लगेगी। क्योकि मेट्रो से सफर करने पर एक स्टेशन से कार्यालय की मामूली दूरी चलकर ही पूरी करनी होगी। यह विचार मेट्रो के महा निदेशक बृजेश दीक्षित ने व्यक्त किए। गुरुवार को दैनिक भास्कर कार्यालय में वे मेट्रो उपक्रम साकार के बाद शहर में आनेवाले बदलाव को लेकर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेट्रो साकार होने के बाद पूरे महानगर की सोशल लाइफ भी चेंज होगी।

दीक्षित ने बताया कि जून वर्ष 2015 को इंटनेशनल लेवल का प्रोजेक्ट साकार करने की शुरूआत हुई है। लेकिन चुनौतियों की भी कोई कमी नहीं थी। बावजूद इसके महज कुछ ही वर्षों में चारों दिशा में तेजी से काम किया गया है। मार्च 2019 में मेट्रो के दो रीच का काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद मेट्रो कमर्शियल तौर पर चलने लगेगी। हिंगणा से बर्डी, बर्डी से खापरी का सफर आसान होगा। वर्तमान स्थिति में मेट्रो का काम काफी तेज गति से हो रहा है। कुल 12 हजार मैन पावर इस उपक्रम को हकीकत में बनाने की जद्दोजहद में लगे हैं।

सुप्रीम कोर्ट से लेकर हायकोर्ट के चक्कर काटने के बाद भी चुनौतियां कम नहीं थी। मेट्रो को साकार करने के लिए फंड की बहुंत ज्यादा जरूरत है। लेकिन काम करे तो फंड भी मिलता है। राज्य और केन्द्र सरकार की ओर से पूरी तरह सहयोग मिल रहा है। फ्रान्स और जर्मनी की कंपनियां भी फंड दे रही है। आगे भी देती रहेगी।

रेलवे आने से ज्यादा की खुशी 

वर्ष 1853 में रेलवे के आगाज के बाद नागपुर में 1880 में इसकी शुरुआत हुई थी। उस वक्त लोगों में जिस तरह उत्साह था, उससे कई ज्यादा उत्साह मेट्रो को लेकर है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर फेसबुक पेज में 8 लाख लोग जुड़ गए हैं। जिसके लिए मेट्रो को सरकार ने नंबर वन खिताब भी दिया है। वहीं अब तक जॉय राइड 20 हजार से ज्यादा लोग कर चुके हैं।

10 प्रतिशत कम राशी में करेंगे साकार

दीक्षित ने बताया कि कोई भी प्रोजेक्ट जब शुरू होता है। तब शुरूआत में तेजी दिखाई जाती है। लेकिन धीरे-धीरे इसमें ढीलाई आती है। जिससे इसके काम में विलंब हो जाता है। परिणामस्वरूप प्रोजक्ट बनने का समय तो बढ़ता है, साथ ही उसकी कॉस्ट भी बढ़ती है। लेकिन मेट्रो परीयोजना में ऐसा नहीं होगा। बल्की 8 हजार 680 करोड़ का यह प्रोजेक्ट समय के पहले पूरा होगा वही इसकी लागत राशी से 10 प्रतिशत कम राशी में इसे पूरा करनेवाले हैं।

रेलवे की पटरियों पर दौड़ेगी मेट्रो 

अगले चरण में 48 किमी के लिए ग्रामीण क्षेत्र में मेट्रो चलाने का लक्ष्य है। रेलवे की पटरियों पर मेट्रो चलनेवाली है। जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है। हाल ही में रेलवे के साथ करार भी हु्आ है। ग्रामीण मेट्रो शुरू होने के बाद शहर के आस-पास रामटेक, काटोल सावनेर को मेट्रो से जोड़ दिया जाएगा। साथ ही ओला, उबेर और ऑटो चालकों के साथ मेट्रो ने तालमेल बनाया है। जिससे आने वाले दिनों में उनका करोबार भी जमकर चमकेगा।

Created On :   11 Oct 2018 2:54 PM GMT

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