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दैनिक भास्कर हिंदी: नागपुर मनपा की जनता से वसूली, निजी कंपनियों की भर रही तिजोरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा प्रशासन ने माली हालत का रोना रोते हुए पिछले कुछ वर्षों में पानी, कचरा, परिवहन समेत अनेक बुनियादी सेवाओं को निजी हाथों में सौंपे हैं। कम आय और ज्यादा खर्च का हवाला सरकार द्वारा 2004 में जारी एक परिपत्रक के आधार पर दिए जा रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि आस्थापना खर्च 35 प्रतिशत से अधिक न हो। इसका ही आधार लेकर मनपा प्रशासन ने न नए कर्मचारियों की भर्ती की और न ही पगार पर ज्यादा खर्च किया। और तो और एक-एक कर सभी आवश्यक सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरू दी। असर जनता की जेब पर हुआ और निजी कंपनियों की तिजोरी भरती रही। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष फायदा प्रशासन और सत्ता में बैठे ‘वजनदार’ लोगों को भी हुआ, ऐसा आरोप है।
निजीकरण से किसे फायदा, किसे नुकसान
जलापूर्ति : 2008 में शहर में जलापूर्ति योजना को निजी हाथों में सौंपा गया। धरमपेठ जोन में ओसीडब्ल्यू पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया प्रोजेक्ट अब पूरे शहर में फैल गया है। हालांकि अभी भी संपूर्ण शहर में नेटवर्क नहीं पहुंचा है।
पानी प्रबंधन पर हर साल करीब 135 करोड़ रुपए खर्च होता है।
वर्ष 2019-20 में 140 करोड़ मनपा को राजस्व प्राप्त हुआ था।
लॉकडाउन में झोली खाली, जनवरी तक 116 करोड़ मिले।
स्वच्छता : बीवीजी और एजी एन्वायरो नामक कंपनियों को पांच-पांच जोन की जिम्मेदारी दी गई है। घर से कचरा उठाने के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने की भी तैयारी की गई थी। फिलहाल इसे सभागृह की अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि एनडीएस के माध्यम से स्वच्छता विभाग को अब तक सिर्फ पिछले वर्ष 5.03 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है।
परिवहन : शहर में तीन कंपनियों "डिम्स' को परिवहन सेवा का जिम्मा दिया गया है।
परिवहन सेवा पर मनपा हर महीने करीब 13 करोड़ रुपए खर्च करती है।
पिछले साल 64.68 करोड़ राजस्व मिला, इस साल कोरोना से बसें बंद रहीं।
नवंबर से बसें शुरू हुईं, तो दिसंबर तक 1.96 करोड़ का राजस्व मिला।
कर निर्धारण : शहर में करीब 6 लाख संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों के कर निर्धारण की जिम्मेदारी सायबरटेक कंपनी को दी गई है। कंपनी को लेकर अनेक तरह के विवाद रहे हैं। कंपनी पर गलत तरीके से संपत्ति कर निर्धारण कर बिल भेजने के आरोप लगते रहे। अब डिमांड बांटने का काम भी निजी कंपनी के लोगों को देने की चर्चा है।
पिछले साल 245.80 करोड़ रुपए मनपा को राजस्व के रूप में मिले थे।
कोरोनाकाल के कारण जनवरी तक 188.10 करोड़ ही जमा हुए हैं।
स्वास्थ्य: मनपा के जितने रोग निदान केंद्र हैं, वहां स्टाफ की कमी के चलते और डॉक्टर नहीं होने से रोगियों को उपचार नहीं मिल पाता है। इसके लिए मनपा ने निजी डॉक्टरों से करार कर उनकी सेवा लेनी शुरू की है। उन्हें अलग से भुगतान किया जाता है। इसका फायदा नागरिकों को भी जरूर मिला।
स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से मनपा को इस साल 7.05 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है।
शिक्षा: मनपा की कई स्कूलें बंद पड़ी हैं। ऐसे में कुछ वर्ष पहले बंद स्कूलों को किराए पर देने का निर्णय लिया गया था। हालांकि यह निर्णय अभी अधर में है। इस पर अमल नहीं हो पाया है।
उद्यान: मनपा ने अब शहर के 69 उद्यानों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। इन उद्यानों को अब 5 रुपए शुल्क देना होगा।
उद्यानों के रख-रखाव पर सालाना 10 करोड़ रुपए खर्च आने की जानकारी है। {इस साल जनवरी तक 48.37 लाख रुपए का राजस्व मिला है।
टैगोर के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर दी श्रद्धांजलि: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने टैगोर को पुण्यतिथि पर किया सादर सुमिरन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारतीय संस्कृति के उद्गाता गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और टैगोर विश्व कला व संस्कृति केन्द्र द्वारा उनके जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति और एकला चलो रे गीत की प्रस्तुति कर उनका पुण्य स्मरण किया। गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि 7 अगस्त को रहती है इसी परिप्रेक्ष्य में शनिवार 6 अगस्त को रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कथा सभागार में मनोज नायर के निर्देशन में नाट्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने एक नाट्य प्रस्तुति दी। इस मौके पर संतोष कौशिक के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने एकला चलो रे गीत प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व टैगोर के चित्र और प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पैठिया, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन नई दिल्ली के सीनियर हेड, स्टेट इंगेजमेंट एंड ऑपरेशन डाॅ. सोवनिष कुरियाकोसे एवं मानविकी एवं उदार कला संकाय की डीन एकेडमिक डाॅ. संगीता जौहरी विषेष रूप से उपस्थित थी। सभी आमंत्रित अतिथियों ने गुरुदेव के कार्यों और विचारों पर बात की। कार्यक्रम का संचालन नाट्य विद्यालय के समन्वयक विक्रांत भट्ट ने किया। आभार डा. मौसमी परिहार ने माना।
टीकाकरण महाभियान में लगे 300 से अधिक टीके: आरएनटीयू मेंराष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आवाज़ के सहयोग से हुआ दो दिवसीय कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना टीकाकरण महाभियान के अंतर्गत एवं भारत सरकार की मंशानुरूप कुलसचिव डॉ विजय सिंह के निर्देशन में गैर सरकारी संगठन आवाज़ के सहयोग राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय कोरोना के प्रथम, द्वितीय एवं बूस्टर डोज़ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसके पहले दिन विश्वविद्यालयीन स्टाफ सहित स्थानीय 190 लोगों को बूस्टर डोज़ लगाया गया।
टीकाकरण की शुरुआत डीन ऑफ अकेडमिक डॉ संजीव कुमार गुप्ता को डोज़ लगाकर की गई। वहीं दूसरे दिन टीकाकरण की शुरुआत डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय वैशाली के कुलाधिपति मान. डॉ वी के वर्मा को बूस्टर डोज़ लगाकर की गई। साथ प्रो वाइस चांसलर डॉ संगीता जौहरी की उपस्थिति में 125 लोगों को टीका लगाया गया। साथ ही कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह एवं डॉ रेखा गुप्ता तथा पीआरओ श्री विजय प्रताप ने भी डोज़ लगवाकर अन्य लोगों को भी इस हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के दलनायक अविनाश चौहान तथा स्वीटी बाला ने बूस्टर डोज़ के फायदे बताए। आवाज़ के इस सहयोग के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रम्हप्रकाश पेठिया ने बधाई व शुभकामनाएं दीं। इस दो दिवसीय टीकाकरण शिविर में चिकित्सा एवं पैरामेडिकल विभाग का भी सहयोग रहा। मुख्य भूमिका दलनायिका चित्रांशी मीना, मोना लोधी, दीक्षा पटेल, अविनाश कुमार, अमित कुमार, राजू कुमार इत्यादि की रही।
क्लोजिंग बेल: सपाट स्तर पर बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 89 अंक ऊपर, निफ्टी 17400 के नीचे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (05 अगस्त 2022, शुक्रवार) तेजी के साथ खुला परंतु आरबीआई के द्वारा प्रमुख ब्याज दरों, रेपो रेट में 50 आधार अंक बढ़ाये जाने, इनके 2019 वर्ष के स्तर तक आ जाने तथा चीन के द्वारा ताइवान की वायु सीमा के अतिक्रमण के समाचारों के कारण तेजी टिक नहीं पाई एवं उतार- चढ़ाव के सत्र में अंत में बाजार सपाट स्तर पर बंद हुआ।
इस दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 89.13 अंक यानी कि 0.15% बढ़कर 58,387.93 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 15.50 अंक यानी कि 0.09% की बढ़त के साथ 17,397.50 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी ने 165.05 अंक बढ़कर 37920.60 पर सत्र की समाप्ति दी। निफ्टी के 50 शेयरों में 26 हरे रंग में रहे। इंडिया विक्स 1.77 प्रतिशत गिर 18.92 पर बंद हुआ। क्षेत्र विशेष में पावर, ऑटो सूचकांक प्रत्येक 1 प्रतिशत से अधिक गिरे जबकि फाइनेंसियल तथा ऑटो में खरीदारी दिखी।निफ्टी के शेयरों में अल्ट्राटेक, श्रीसीमेंट, यूपीएल, पावर ग्रिड में सर्वाधिक लाभ रहा जबकि हिंडाल्को, ब्रिटानिया, एमएंडएम, आयशर मोटर, रिलायंस में सबसे अधिक हानि रही।
तकनीकी आधार पर निफ्टी ने डोजी कैंडल स्टिक प्रारूप बनाया है जो खरीदार एवं बिकवाल, दोनों के मध्य अनिर्णय की मनोस्थिति दर्शाता है।निफ्टी ने 17500 के मनोवैज्ञानिक स्तर तथा फॉलिंग ट्रेंडलाइन पर अवरोध का सामना किया है, अगली तेजी की तीव्र चाल के लिए इन स्तरों को पार करना अत्यंत आवश्यक है। निफ्टी 200 दिनों के मूविंग एवरेज तथा सुपर ट्रेंड स्तर के ऊपर ट्रेडिंग कर रहा है जो और भी तेजी के लिए शक्तिकारक है।
निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट आंकड़ो में, कॉल में सर्वाधिक ओपन इंटेरेस्ट 17600 पर है जबकि पुट में यह 17000 पर है। मोमेन्टम संकेतक एमएसीडी दैनिक समयाविधि में सकारात्मक क्रॉसओवर के साथ ट्रेड कर रहे हैं जो निफ्टी में शक्ति का संकेत है। निफ्टी का सपोर्ट 17100 है जबकि 17500 एक तात्कालिक अवरोध है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 37500 तथा अवरोध 38500 है। कुलमिला कर ऊंचे स्तरों पर लाभ ले लेने की प्रवृति दिख सकती है।
17500 के ऊपर ही नई बड़ी खरीदारी दिख सकती है।चीन एवं ताइवान के मध्य भूराजनीतिक तनाव पर निकट की दृष्टि रखे एवं अपने खरीदारी तथा बिकवाली में इसको महत्व दें। अभी तक मार्केट ब्याज दर वृद्धि एवं चीन ताइवान तनाव जैसी नकारात्मक समाचारों को भी पचा ले रहा है परंतु कोई बड़ा नकारात्मक समाचार बिकवाली ला सकता है। अपने सौदों में कड़ा स्टॉप लॉस रखें।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
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