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आर्थिक तंगी झेल रही नागपुर NMC, अब एक माह में वसूलेगी 201 करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर । आर्थिक तंगी का रोना रोने वाली NMC की स्थिति लाख कोशिशों के बावजूद सुधींर नहीं पा रही है। एलबीटी रद्द होने और जीएसटी लागू होने मनपा को सरकारी अनुदान ज्यादा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खासकर मनपा को आत्मनिर्भर बनाने वाले संपत्ति कर वसूली में ही तगड़ा झटका लगा। स्थायी समिति ने 350 करोड़ रुपए संपत्ति कर वसूली का लक्ष्य रखा था, लेकिन फरवरी तक 149 करोड़ रुपए ही तिजोरी में जमा हो सके हैं। ऐसे में मनपा प्रशासन ने अब एलबीटी बकाएदारों को टारगेट करने का निर्णय लिया है। बकाएदारों पर नकेल कसकर उनसे बकाया राशि वसूली जाएगी, ताकि संपत्ति कर का टारगेट की भरपाई इससे की जा सके।
प्रापर्टी टैक्स को लेकर पहले से विवादों में है
शहर में 5.50 लाख संपत्ति धारक हैं। प्रत्यक्ष में संपत्तियां इससे अधिक हैं। इन संपत्तियों को कर दायरे में लाने के लिए मनपा ने संपत्तियों के सर्वेक्षण का काम शुरू किया था। इससे आय बढ़ने की भी उम्मीद थी। यह काम साइबरटेक कंपनी को दिया गया था, लेकिन कंपनी के सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आईं। अनाप-शनाप डिमांड भेजे गए। शहर भर में बवाल मचा। आक्रोश को देखते हुए मनपा ने दोगुना से अधिक संपत्ति कर नहीं लेने का भरोसा दिलाया। साइबरटेक को 5 लाख 31 हजार 542 संपत्तियों का सर्वेक्षण करना था। कंपनी ने 3 लाख 86 हजार संपत्तियों का सर्वे किया था। इसमें अनेक संपत्तियों का विभाजन कर उसकी यूनिट बढ़ाकर दिखाए गए। ऐसे में 3 लाख 86 हजार संपत्तियों में कुल 6 लाख 847 यूनिट दिखाए गए। लेकिन इन विवादों के कारण मनपा प्रशासन अपेक्षित वसूली नहीं कर पाया। फिलहाल फरवरी आधा बीत गया है। ऐसे में संपत्ति कर लक्ष्य पूरा करना असंभव लग रहा है। ऐसे में अब एलबीटी अर्थात स्थानीय संस्था कर के बकाएदारों से वसूली पर जोर दिया जा रहा है। 11 महीने में आधा भी बकाया वसूल न कर पाने वाली NMC अब एक माह में इतनी बड़ी रकम जनता से कैसे वसूलेगी यह सवालिया निशान ही है।
Created On :   16 Feb 2018 11:51 AM IST