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नागपुर : ग्रामीण क्षेत्र में राष्ट्रीय पेयजल योजना लड़खड़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रामीण क्षेत्र में जलसंकट दूर करने के लिए राष्ट्रीय पेयजल योजना अंतर्गत 81 योजनाएं मंजूर की गई। इसमें से 60 योजना का काम हो चुका है। 21 योजना का काम अधूरा पड़ा है। ग्राम पंचायतों में सत्ता परिवर्तन के बाद राजनीतिक मतभेद के चलते पेयजल योजना लड़खड़ा गई है।
ग्रापं स्तर पर क्रियान्वयन
ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति योजना का क्रियान्वयन पहले जिला परिषद स्तर से किया जाता था। जिला परिषद स्तर से निधि वितरण में पक्षपात होता देख ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने नीति बदली। ग्राम पंचायतों को अपने कार्यक्षेत्र में सभी काम करने के अधिकार दिए गए। गत पांच वर्ष में राष्ट्रीय पेजयल योजना अंतर्गत 81 पेयजल योजनाएं मंजूर की गईं। इसमें से मात्र 60 योजनाओं का काम पूरा हुआ है। 21 योजनाओं का काम विविध कारणों से अधूरा है।
सत्ता बदलने पर उभरे मतभेद
गत दो वर्ष में कई ग्राम पंचायतों में सत्ता परिवर्तन हुआ। सत्ता बदलने पर राजनीतिक उभरे मतभेद भी एक कारण माना जाता है। जलापूर्ति योजना के काम में अनियमितता की शिकायतें की गईं। आपत्ति दर्ज होने पर जांच प्रक्रिया में फंस जाने से काम प्रभावित हुए। ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की माने तो जगह की कमी, सीमा विवाद, वन विभाग के अडंगे के कारण जलापूर्ति योजनाएं अटक गई है। जिला परिषद की आमसभा, स्थायी समिति, जल प्रबंधन समिति की बैठकों में कई बार इन मुद्दों पर प्रश्न भी किए गए, लेकिन इन समस्याओं का हल नहीं निकला। बहरहाल, अधूरी पड़ी जलापूर्ति योजनाओं को क्रियान्वित करने की दिशा में प्रयास जारी रहने का ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता संजीव हमके ने दावा किया है।
Created On :   10 Dec 2020 3:01 PM IST