नागपुर NMC के पास नहीं है ‘डेथ क्लेम’ का डाटा

Nagpur NMC does not have Death claim data, Insurance for students
नागपुर NMC के पास नहीं है ‘डेथ क्लेम’ का डाटा
नागपुर NMC के पास नहीं है ‘डेथ क्लेम’ का डाटा

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  NMC के पास ‘डेथ क्लेम’ का डाटा उपलब्ध नहीं होने की चौंकाने वाली जानकारी है।  मनपा के स्कूलों में 20 हजार 17 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं आैर जनश्री बीमा योजना के तहत इनका बीमा कराया गया है। कक्षा 1 से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को ‘डेथ क्लेम’ व  कक्षा 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को स्कालरशिप व डेथ क्लेम का लाभ दिया जाता है,  लेकिन पिछले दो साल में कितनी स्कालरशिप दी गई आैर कितने डेथ क्लेम दिए गए, इसकी अपडेट जानकारी मनपा के पास नहीं है। 

स्टूडेंट्स के लिए होता है बीमा
मनपा के स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ें, इसलिए 2007-2008 में केंद्र सरकार पुरस्कृत जनश्री बीमा योजना शुरू की गई। इसमें मनपा के कक्षा 1 ली से 12 वीं तक के स्टूडेंट्स को शामिल किया गया। योजना के तहत स्टूडेंट्स के पिता की प्राकृतिक मृत्यु होने पर 30 हजार व दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रु. (डेथ क्लेम) व स्टूडेंट्स को हर साल 12 सौ रुपए स्कालरशिप देने का प्रावधान है। कक्षा 1 से 8वीं तक केवल डेथ क्लेम का लाभ व कक्षा 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को स्कालरशिप व डेथ क्लेम दोनाें का लाभ दिया जाता है।

2 साल का नहीं है अपडेशन
मनपा के शिक्षा विभाग के पास पिछले दो साल का रिकॉर्ड अपडेट रिकार्ड नहीं है। साल 2016-17 व 2017-18 में कितने स्टूडेंट्स के परिजनों को डेथ क्लेम का लाभ दिया, इसका अपडेट डाटा उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2016-17 में डेथ क्लेम के 28 मामले थे। 2017-18 के डेथ क्लेम का आंकड़ा ही मौजूद नहीं है। दोनों ही साल डेथ क्लेम कितना मिला या मिलना बाकी है, इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के पास नहीं है। वर्ष 2015-16 में डेथ क्लेम के 62 मामलों में 8 लाख 10 हजार रुपए पीड़ित परिवारों को दिए गए थे। जनश्री बीमा योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम की तरफ से संबंधित परिवारों को डेथ क्लेम का लाभ दिया जाता है। इसके लिए सालाना 200 रुपए का प्रीमियम एलआईसी में जमा करना पड़ती है। केंद्र सरकार 100 रुपए, राज्य सरकार 50 रुपए व मनपा 50 रुपए वहन करती है। डेथ क्लेम के लिए जिस शाला में विद्यार्थी पढ़ता है, उस स्कूल के मुख्याध्यापक की रिपोर्ट जरूरी होती हैै। मुख्याध्यापक अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग भेजते हैं। शिक्षा विभाग इसे एलआईसी को भेजता है। एलआईसी से मिलने वाले क्लेम का डाटा मनपा के शिक्षा विभाग को रखना पड़ता है।

Created On :   24 Feb 2018 4:19 PM IST

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