‘ओमिक्रॉन’ कोविड के नए वैरिएंट से नागपुर अलर्ट मोड पर

Nagpur on alert mode with new variant of Omicron Kovid
‘ओमिक्रॉन’ कोविड के नए वैरिएंट से नागपुर अलर्ट मोड पर
खतरा ‘ओमिक्रॉन’ कोविड के नए वैरिएंट से नागपुर अलर्ट मोड पर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  दक्षिण अफ्रीका में ‘ओमिक्रॉन’ कोविड का नया वैरिएंट मिलने से नागपुर अलर्ट मोड में आ गया है। केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के बाद नागपुर की विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे-वर्मा ने विदेश से आने वाले सभी यात्रियों की जांच और कड़ाई से करने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारियों की वर्चुअल बैठक :  विभागीय आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों की वर्चुअल पद्धति से बैठक ली। नागपुर की जिलाधिकारी विमला आर., मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी., जिप सीईओ योगश कुंभेजकर, सहपुलिस आयुक्त अश्वती दोरजे, जिला पुलिस अधीक्षक विजयकुमार मगर, पुलिस उपायुक्त बसवराज तेली, मनपा के अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, मेडिकल के डीन डॉ. सुधीर गुप्ता, स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. संजय जयस्वाल, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी दीपक सेलोकर व कोविड टास्क फोर्स के प्रतिनिधि उपस्थित थे। 

तीसरी लहर के लिए तैयार रहें : प्राजक्ता लवंगारे ने कहा कि कोविड के नए वैरिएंट का प्रसार रोकने के लिए सभी को सतर्कता बरतनी आवश्यक है। मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग व सैनिटाइजर का उपयोग करना जरूरी है। सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमावली का सख्ती से पालन करें। संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखकर पर्याप्त मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन प्लांट व मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट बनाने की कार्यवाही तत्काल पूरी करें। कार्यान्वित किए गए प्लांट, सिलेंडर में उपलब्ध ऑक्सीजन के भंडारण की फिर से एक बार जांच कर संभावित तीसरी लहर के लिए तैयार रहने के संकेत दिए। 

दोनों डोज दिए जाएं : उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण होने पर स्वास्थ्य मशीनरी पर तनाव कम होगा। कोविड की लहर रोकने के लिए टीकाकरण पर ज्यादा जोर देना जरूरी है। प्रत्येक पात्र व्यक्ति को निश्चित अवधि में दोनों डोज देने की कार्यवाही गति से करें। उन्होंने कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर विमान से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए आवश्यक कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए।
कैसे किसी वैरिएंट को इंटरेस्ट और कंसर्न घोषित किया जाता है?

वैरिएंट की कैटेगरी अलग-अलग पैमानों के आधार पर निर्धारित की जाती है। किसी वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में डालने के लिए इन बातों का ख्याल रखा जाता है। वायरस के ओरिजिनल स्ट्रक्चर में कोई जेनेटिक चेंज हो। जैसे- उसका ट्रांसमिशन बढ़ जाना, बीमारी का लेवल बढ़ जाना, उस पर वैक्सीन का असर कम होना। उस वैरिएंट की वजह से किसी देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन और नए केसेज का बढ़ना। वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के वैरिएंट्स की लगातार निगरानी के बाद डब्ल्यूएचओ उन्हें वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में डालता है।

क्या है वैरिएंट ऑफ कंसर्न : जब वायरस के किसी वैरिएंट की पहचान होती है तो उस वैरिएंट को और ज्यादा जानने-समझने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसकी निगरानी करता है। निगरानी करने के लिए वायरस को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में डाला जाता है। अगर वायरस की स्टडी में पाया जाता है कि वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और बहुत संक्रामक है तो उसे ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ की कैटेगरी में डाल दिया जाता है।
 

Created On :   29 Nov 2021 6:44 AM GMT

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