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नागपुर: ऑनलाइन होगी पढ़ाई जुलाई तक करना होगा इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन के कारण मार्च माह से बंद शहर के स्कूल नए अंदाज में शुरू होंगे। अब कुछ समय तक ऑनलाइन स्कूल लगेंगे, जिसमें विद्यार्थी घर बैठकर पढ़ सकेंगे। यदि, क्षेत्र में कोरोना संक्रमण काबू में हो, तो विविध चरणों में जुलाई से प्रत्यक्ष स्कूल खुल सकते हैं। पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को टीवी व रेडियाे पर प्रसारित शैक्षणिक कार्यक्रम दिखाने हैं, उनकी ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगेंगी। तीसरी से 5वीं कक्षा के लिए प्रतिदिन कम से कम 1 घंटा, 6 वीं से 8वीं तक प्रतिदिन कम से कम 2 घंटे और 9वीं से 12वीं प्रतिदिन कम से कम 3 घंटे ऑनलाइन कक्षा लगाने के निर्देश हैं। वहीं, 26 जून को नागपुर सहित विदर्भ भर के स्कूलों व्यवस्थापन समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें स्कूल की साफ सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग के प्रबंध और अन्य मुद्दों पर मंथन होगा। राज्य शालेय शिक्षा विभाग ने यह जीआर जारी किया है।
ऑनलाइन के पक्ष में मुख्याध्यापक
इस संबंध में स्कूल मुख्याध्यापकों का पक्ष है कि, प्रत्यक्ष स्कूल खोलने के लिए वे अभी तैयार नहीं हैं। नागपुर सहित राज्यभर में कोरोना संक्रमण अपने पूरे जोरों पर है। ऐसे में स्कूल खोलने का सोचा भी नहीं जा सकता। ऐसे में एक ही विकल्प बचता है कि, विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं लेकर उन्हें पढ़ाई कराई जाए, यही सबसे सुरक्षित तरीका है।
दुविधा हुई दूर
दरअसल, नागपुर के कई स्कूलों ने नए शैक्षणिक सत्र की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी थीं। कई पालकों ने इस संबंध में शिक्षा उप-संचालक कार्यालय में शिकायत की थी। जिसके बाद सोमवार सुबह उप-संचालक अनिल पारधी ने जिला प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से स्कूल न शुरू करने को कहा था, लेकिन सरकार का जीआर आने के बाद उन्होंने अपना मूल आदेश रोक लिया। सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं आने के कारण उन्होंने ऐसा पत्र जारी किया था, लेकिन सरकार के निर्देश आने के बाद उसे रोक दिया गया है। नागपुर विभाग में सरकार के निर्देशों के तहत ही स्कूल खुलेंगे।
आठ साधन केंद्रों पर शुरू हुआ किताबों का वितरण
सर्वशिक्षा अभियान के तहत कक्षा पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क किताबों का वितरण किया जाता है। सोमवार से शहर में वितरण शुरू हुआ। साधन केंद्रों से यह किताबें पहले स्कूलों को और फिर स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों में वितरित होंगी। शिक्षा विभाग द्वारा जारी टाइम-टेबल के अनुसार नागपुर नागपुर के 8 साधन केंद्रों पर 15 से 23 जून को एक-एक दिन किताबों का वितरण किया जाएगा। किताबें लेने के लिए एक स्कूल से अधिकतम 4 व्यक्तियों को ही आने की अनुमति दी गई है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।