- Home
- /
- ग्रीन टैक्स पर नहीं RTO का ध्यान, ...
ग्रीन टैक्स पर नहीं RTO का ध्यान, 1000 वाहनों में से 100 ही नियमों के दायरे में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लाइसेंस व दस्तावेज बनाने के साथ आरटीओ कार्यालय पर नियम न मानने वालों पर कार्रवाई का जिम्मा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों की बात करें तो विभाग गजब की सुस्ती बरत रहा है। कर्मचारियों की कमी का रोना रोते हुए कार्रवाई में कोताही बरती जा रही है। आरटीओ के नियम केवल नाममात्र रह गए हैं।
बम्फर कार्रवाई पर भी नहीं ध्यान
6 महीने पहले एक फरमान जारी किया गया था, जिसमें चार पहिया वाहनों के सामने लगने वाले बम्फर पर कार्रवाई करने को कहा गया था। यह गाड़ियां दुर्घटना के दौरान सामान्य गाड़ियों की तुलना ज्यादा घातक साबित हो सकती हैं, क्योंकि इन गाड़ियों के सामने लगा बम्फर गाड़ियों को केवल प्रोटेक्ट करने के लिए बना होता है, जिससे जब गाड़ी का बम्फर किसी को तेज रफ्तार में टकराता है, तब दूसरी गाड़ी के भीतर बैठने वालों को भी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इन गाड़ियों पर कार्रवाई कर बम्फर निकाले जाने थे, लेकिन पिछले 3 माह से इस दिशा में नाममात्र कार्रवाई हुई है।
खूब दौड़ रहे फैंसी नंबर प्लेट वाले वाहन
शहर में लाखों की संख्या में वाहन चल रहे हैं। नियमानुसार इन वाहनों पर लगने वाली नंबर प्लेट साफ होनी चाहिए। सफेद प्लेट पर काले रंग से आंकड़े दिखने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कई वाहन चालक नंबर प्लेट के साथ छेडछाड़ कर इसे फैशन में शामिल कर रहे हैं। नंबर को शब्दों में बया कर रहे हैं। 4141 को दादा, अन्य नंबरों में मी मराठी, यलगार, दीवाना आदि शब्द नंबर प्लेट पर लिखे जा रहे हैं। हालांकि यह नंबर ही है, लेकिन इन्हें शब्दों की शक्ल देकर लिखा जाना चाहिए। यही नहीं, शहर में ऐसी गाड़ियां भी दौड़ रही हैं, जिसके पीछे नंबर ही नहीं है, लेकिन आरटीओ का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस संबंध में आरटीओ का पक्ष जानने के लिए शहर आरटीओ के उप-प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अतुल आदे से संपर्क करने पर कोई प्रतिसाद नहीं मिला।
पुरानी गाड़ियों के लिए हैं ये नियम
नियमानुसार कोई भी 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ी प्रदूषण फैलाने के दायरे में आ सकती है, ऐसे में इसकी एक बार जांच करवा कर फिटनेस प्रमाणपत्र लेने व ग्रीन टैक्स भरने पर चलाने की अनुमति देना अपेक्षित है, लेकिन शहर में इन दिनों सैकड़ों गाड़ियां बिना ग्रीन टैक्स भरे प्रदूषण फैला रही हैं। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में शहर में 15 वर्ष से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की संख्या एक हजार पार कर गई हैं, लेकिन ग्रीन टैक्स भरने वालों की संख्या 100 का आंकड़ा भी पार नहीं हो सका है। ऐसे में इन गाड़ियों पर आरटीओ की कार्रवाई अपेक्षित है, लेकिन पिछले 3 माह के आंकड़े कार्रवाई की पोल खोलते हैं।
एक भी वाहन का पंजीयन नहीं, कार्रवाई भी शून्य
सड़कों पर वाहनों में चूल्हा जलाकर खाद्य पदार्थ बनाकर बेचने वालों के लिए 6 माह पहले आरटीओ ने एक फरमान जारी किया था, जिसमें ऐसे विक्रेताओं को पंजीयन कराने की अपील की गई थी, ताकि ऐसे वाहनों को सुरक्षित किया जा सके, लेकिन अब तक एक भी पंजीयन नहीं हुआ है। हैरानी बात यह है कि, आरटीओ कार्यालय भी इसके प्रति गंभीर नहीं है, क्योंकि अभी तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकांश वाहनों में फास्ट-फूड की दुकानें सजती हैं।
Created On :   29 Aug 2018 2:02 PM IST