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स्वच्छता रैंकिंग में और 5 पायदान लुढ़का नागपुर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम सामने आने पर नागपुर को बड़ा झटका लगा है। पहले के मुकाबले नीचे पायदान पर चले गए। साल 2020 में नागपुर शहर भारत में 18 नंबर पर रहा। शनिवार को साल 2021 के घोषित परिणाम में पिछड़कर 23वें स्थान पर चले गए। 6000 अंकों की स्वच्छता सर्वेक्षण स्पर्धा में नागपुर को 62.03 प्रतिशत यानी 3721.82 अंक मिले। साल 2020 में 4345 अंक मिले थे, जिसका प्रतिशत 72.4 प्रतिशत था। प्राप्त अंकों में 10 प्रतिशत पीछे रह जाने से रैंकिंग में पांच नंबर से पिछड़ गए।
प्रदेश के कई शहर निकले आगे
देश के सभी शहरों की बात करें तो साल 2020 में नागपुर का 47वां स्थान रहा। इसमें भी एक नंबर से पिछड़ कर साल 2021 की स्पर्धा में 48वें नंबर पर चले गए। महाराष्ट्र में नई मुंबई, पुणे, ठाणे, नाशिक, पिंपरी चिंचवड़, आैरंगाबाद के बाद नागपुर का नंबर रहा।
हर कदम पर नागपुर रहा पीछे
स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप-10 का सपना देख रहा नागपुर शहर साल 2021 की स्पर्धा में हर कदम पर पीछे पड़ गया। सर्विस लेवल प्रोग्रेस, सर्टिफिकेशन, सिटीजन फीडबैक सभी मामले में साल 2020 के मुकाबले कम अंक मिले।
3 बड़े कारण....इसलिए पिछड़ गए
1. सर्टिफिकेशन में कोई सुधार नहीं। ओडीएफ प्लस-प्लस के अंक मिले, परंतु घनकचरा मुक्त शहर के अंकों से चूक गए।
2. घनकचरे पर प्रक्रिया का अभाव। इसी पर 40 प्रतिशत अंक है, उसी में हम पीछे रह गए।
3.स्वच्छता के प्रति जनजागरण से सिटीजन फीडबैक को प्रतिसाद मिलता है, उसी में हमारी कमजोरी रही।
टॉप-10 की राह नहीं आसान
स्वच्छता सर्वेक्षण में नागपुर शहर ने साल 2020 में 18वीं रैंकिंग लेकर टॉप-20 में जगह बनाई थी। रैंकिंग में बेहतर सुधार होने पर उत्साहित होकर टॉप-10 में पहुंचने के सपने देखे गए। घनचकरा प्रक्रिया प्रकल्प नहीं रहने से टॉप-10 की राह आसान नहीं है। जानकारों की मानें तो जब तक घनकचरे पर प्रक्रिया की समूचा प्रबंध नहीं हो जाता, तब तक यह सपना साकार नहीं होगा, क्योंकि घनकचरा प्रबंधन पर स्वच्छता सर्वेक्षण के सर्वाधिक 40 प्रतिशत अंक है। उसी में नागपुर शहर पीछे छूट रहा है।
4 साल में रैंकिंग
(10 लाख से अधिक जनसंख्या के शहर)
साल रैंकिंग
2017 137
2018 55
2019 58
2020 18
2021 2
प्राप्त अंकों की तुलनात्मक स्थिति
क्षेत्र साल 2021 साल 2020
सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1865.91/2400 1207.95/1500
सर्टिफिकेशन 500/1800 500/1500
सिटीजन फीडबैक 1355.91/1800 1283.11/1500
डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन -------- 1354/1500
कुल 3721.82/6000 4345.06/6000
दोनों साल के प्रतिशत में अंतर
क्षेत्र साल 2021 साल 2020
सर्विस लेवल प्रोग्रेस 77.74% 80.46%
सर्टिफिकेशन 27.77% 33.33%
सिटीजन फीडबैक 75.27% 85.53%
विभाग प्रमुख बदलना पड़ा भारी
साल 2020 तक घनकचरा प्रबंधन विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी के कंधों पर रही। उनके कार्यकाल में स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में लगातार सुधार होता रहा। साल 2021 में बदलकर तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त संजय निपाने को जिम्मेदारी सौंपी गई। अनुभवी अधिकारी का िवभाग बदलकर नए अधिकारी को कमान सौंपना मनपा को भारी पड़ गया।
-कौस्तुभ चटर्जी, ब्रांड एंबेसेडर
प्रतिपूर्ति की जाएगी
शहर से निकलने वाले कचरे पर 100 प्रतिशत प्रक्रिया नहीं हो रही है, जिसके चलते उसके अंक नहीं मिलने से स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में हम पीछे रह गए। भविष्य में इसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। बायोमाइनिंग का टेंडर निकल चुका है। जल्द ही संपूर्ण कचरे पर प्रक्रिया की व्यवस्था होगी। जो कचरा निकल रहा है, उस पर भी नया प्रकल्प शुरू कर इस पायदान से आगे बढ़ेंगे। -दयाशंकर तिवारी, महापौर
Created On :   21 Nov 2021 10:35 AM GMT