- Home
- /
- बस ड्राइवर और कंडक्टरों की हड़ताल...
बस ड्राइवर और कंडक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, सरकार ने लगाया एस्मा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। वेतनवृद्धि सहित सेवा में स्थायी करने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे शहर बस सेवा (आपली बस) के पहिए दूसरे दिन भी थमे रहे। बता दें कि कंडक्टर-ड्राइवरों के खिलाफ राज्य सरकार और मनपा ने सख्त रवैया अपना लिया है। राज्य सरकार ने भी बस कर्मचारियों की इस हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए एस्मा लगाने का आदेश दे दिया है। बावजूद इसके कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। नगरविकास विभाग के सह सचिव एस. गोखले ने इस बाबत आदेश-पत्र भी जारी किया है। इस मुताबिक, मनपा सत्तापक्ष ने पुलिस को सचेत करते हुए सभी हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि धंतोली पुलिस ने सरकार के निर्देशों के बावजूद हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई को लेकर कोई पहल नहीं की है।
बसों को डिपो से बाहर नहीं निकलने दिया
शिवसेना समर्थित भारतीय कामगार सेना ने 20 फरवरी से विविध मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया था। इस संबंध में मनपा प्रशासन को पूर्व सूचना दी थी। इस अनुसार कामगार संगठन ने सभी बसों को बंद रखा। बसों को डिपो से बाहर नहीं निकलने दिया। इस तरह शहर के सभी चार डिपो के सामने संगठन के पदाधिकारी डटे रहे और किसी भी बसों को डिपो से बाहर नहीं निकलने दिया। इस बीच, उनका यशवंत स्टेडियम के पास अनशन भी चलता रहा।
यात्री परेशान, ऑटो वालों ने मचाई लूट
बसों की हड़ताल होने से यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। ऑटो वालों ने उन्हें खूब लूटा। जहां रोजाना 20 रुपए में जाते, वहां के लिए मंगलवार 30 से 35 रुपए लिया। ई-रिक्शा वाले भी फायदे में रहा। शाम तक शहर भर में यहीं नजारा रहा। शाम तक बसें डिपो में खड़ी रहीं। कामगार सेना अपनी मांगों पर अडिग रही। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती, पीछे नहीं हटने की धमकी दी। पूर्व सांसद प्रकाश जाधव, भारतीय कामगार सेना के जिला संगठक बंडू तलवेकर के साथ पुलिस उपायुक्त की बैठक भी हुई। उधर, मनपा प्रशासन-सत्तापक्ष किसी तरह बसों को चलाने के लिए योजना बनाता रहा। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। आखिरकार शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इसकी शिकायत की। देर शाम आखिरकार सरकार ने हड़ताल को अवैध करार देते हुए एस्मा लगाने की घोषणा कर दी। एस्मा लगाने की घोषणा होते ही सत्तापक्ष भी सक्रिय हो गए। परिवहन समिति सहित सत्तापक्ष के महत्वपूर्ण नेताओं की प्रशासन के साथ बैठकों का दौर शुरू हो गया। निर्णय लिया गया कि जितने ड्राइवर साथ आने को तैयार होते हैं, उन्हें साथ लेकर नि:शुल्क बसें शुरू करें।
पुलिस का नहीं मिल रहा सहयोग
राज्य सरकार ने हड़ताल को अवैध करार देते हुए एस्मा लगाने की घोषणा की है। इसकी जानकारी धंतोली पुलिस स्टेशन में देते हुए हड़ताली बस कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई, लेकिन पुलिस से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है। फिलहाल हमने रात से ही बसें शुरू करने का निर्णय लिया है। जितने ड्राइवर उपलब्ध होंगे, उन्हें लेकर बसें शुरू की जाएगी। हमने सभी बस कंडक्टर और ड्राइवरों को साथ आने का आह्वान किया है। अगर नहीं आते हैं तो बुधवार से नई भर्तियां भी शुरू की जाएंगी।
-बंटी कुकडे, सभापति, परिवहन समिति, मनपा
आयुक्त, महापौर जिम्मेदार
बस हड़ताल की हमने पूर्व सूचना दी थी। बावजूद इसके आयुक्त और महापौर ने कोई कदम नहीं उठाए। इस स्थिति के लिए पूरी तरह आयुक्त और महापौर जिम्मेदार हैं। हम अपनी मांगों पर कायम हैं। एस्मा लगाने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे। हम जेल जाने को तैयार हैं। इसके लिए बुधवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।
-बंडू तलवेकर, जिला संगठक, भारतीय कामगार सेना
Created On :   21 Feb 2018 4:10 PM IST